फर्जी बीपीएल धारकों के नाम पर प्रतिवर्ष 4 करोड़ का चूना, एसडीएम ने राशन विक्रेता से 22 लाख से अधिक राशि वसुलने के दिए आदेश
सेंधवा, (रमन बोरखड़े)।
शहर में हजारों की संख्या में फर्जी बीपीएल कार्ड धारकों की आड़ में जिम्मेदारों की मिलीभगत से दुकानदार शासन को प्रतिवर्ष 3 से 4 करोड़ का चूना लगा रहे हैं। सामजिक कार्यकर्ता ने मामले की जांच को लेकर तत्कलीन कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया था, लेकिन जिम्मेदारों ने मामले में कोई जांच नहीं की है। इसी बीच वार्ड 11 के राशन दुकानदार पर कार्रवाई की गाज गिरी है।
एसडीएम सेंधवा के निर्देश पर कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सेंधवा द्वारा जय भारत महिला प्राथमिक उपभोक्ता भंडार वार्ड 11 का निरीक्षण किया गया था। जिसमें अनियमितताएं पाए जाने पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सेंधवा द्वारा विक्रेता मुस्ताक पिता रहिम शेख को कम पाए गए स्टॉक का कुल 22 लाख 92 हजार 420 रूपए की वसूली के आदेश जारी किए गए हैं। जय भारत महिला प्राथमिक उपभोक्ता भंडार द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकान वार्ड 11 को आवंटित प्राधिकार पत्र को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर मां अन्नपूर्णा महिला प्राथमिक उपभोक्ता भंडार सेंधवा द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकान वार्ड 19 में आगामी आदेश तक संलग्न की गई हैं।
बता दे शहर में प्रति वर्ष करोड़ों रुपए का राशन वितरण करने के आंकड़े कागजों में दर्ज किए जा रहे हैं। दूसरी ओर फर्जी गरीबों के नाम पर राशन की कालाबाजारी और गोलमाल की संभावना के बावजूद शिकायत की जांच पूरी नहीं हो सकी। आरटीआई कार्यकर्ता परिक्षित शर्मा ने सभी बीपीएल राशनकार्ड धारियों की जांच कर अपात्र बीपीएल परिवारों का बीपीएल सूची में से नाम हटाकर उनकी पात्रता पर्ची निरस्त करने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया था।
सामने आ चुकी है शिकायतें
बता दे वर्ष 2011 की जनगणना में देश की कुल जनसंख्या के एवज में बीपीएल श्रेणी का प्रतिशत करीब 21 था, जो वर्तमान में 14.15 प्रतिशत के लगभग होना चाहिए। ऐसे में सेंधवा शहर में 2 से 3 हजार के आसपास गरीब परिवार संभावित है। राशन दुकानों के मुताबिक वर्तमान में सेंधवा शहर में 8 हजार से अधिक गरीब परिवार होना गड़बड़ी की ओर इशारा कर रहा है। कई फर्जी गरीब सरकार से मिलने वाले राशन को डकार रहे हैं। वहीं कई लोग राशन को खुले बाजार में बेच देते है। और कई राशन की कालाबाजारी पूर्व में सामने आई है। कई लोगों के द्वारा राशन नहीं मिलने की शिकायतें भी सामने आ चुकी है।
शिकायतकर्ता परीक्षित शर्मा का कहना है कि शहर में सभी प्रकार के राशन कार्ड धारी परिवारों की कुल संख्या 11 हजार 111 है और उनमें से कुल बीपीएल राशनकार्डधारी परिवारों की संख्या 8 हजार 809 है। इस प्रकार कुल जारी राशन कार्ड के एवज में बीपीएल राशनकार्ड धारी करीब 80 प्रतिशत हैं, जो संदेहास्पद है। इसीलिए जांच की मांग जायज है।