
लोकायुक्त की कार्रवाई के बावजूद निलंबित न किये जाने का प्रकरण
जबलपुर। हाईकोर्ट के जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने लोकायुक्त की कार्रवाई के बावजूद सरपंच को निलंबित करते हुए वित्तीय अधिकार न छीने जाने के आरोप संबंधी मामले को गंभीरता से लिया। इसी के साथ ग्राम पंचायत अधिनियम की धारा-40 के अंतर्गत कार्रवाई के निर्देश दिये है। यह जिम्मेदारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, छतरपुर को दिये गये हैं।
दरअसल याचिकाकर्ता ग्राम राम टोरिया, छतरपुर निवासी महेंद्र प्रताप लोधी की ओर से अधिवक्ता रत्न भारत तिवारी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि ग्राम पंचायत राम टोरिया, छतरपुर की सरपंच बबली आदिवासी के विरुद्ध ग्राम पंचायत अधिनियम की धारा.40 के तहत कार्यवाही करने के निर्देश मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छतरपुर को जारी किए जाने चाहिये। ऐसा इसलिए क्योंकि सरपंच ने याचिकाकर्ता से रोजगार गारंटी के तहत किये गये नलकूप निर्माण के भुगतान पत्रक पर हस्ताक्षर करने के एवज में पैसों की मांग की थी। जिसकी शिकायत 18 अक्टूबर 2024 को लोकायुक्त में की गई। जिसके बाद लोकायुक्त टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था। साथ ही भ्रष्टाचार अधिनियम के अंतर्गत एफआईआर पंजीबद्ध कर ली थी। इसके बावजूद कलेक्टर छतरपुर और मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने सरपंच के विरुद्ध ठोस कार्रवाई नहीं की। इसलिए न्यायहित में हाईकोर्ट की शरण ली गई, सुनवाई पश्चात न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये।
