उज्जैन। बिजली कंपनी का अधिकारी बताकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रायवेट फायनेंस कंपनी से 53 लाख का लोन प्राप्त करने के मामले में फरार चल रहे 2 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट में पेश कर दोनों को जेल भेजा गया। पूर्व में मामले से जुड़े तीन आरोपी जेल भेजा जा चुके हैं।
नवम्बर 2024 में रतलाम के जावरा एचडीबी फायनेंशिंयल सर्विसेज लिमिटेड के मैनेजर दशरथ शर्मा ने माधवनगर थाना पुलिस को शिकायती आवेदन देकर बताया था कि उनकी फायनेंस कंपनी के सीनियर सेल्स मैनेजर राहुलसिंह गौड़ और दीपक बोडाना ने गोपाल विश्वकर्मा को 15 लाख, रमेश कुमार शर्मा को 18 लाख और सतीश राव को 20 लाख का पर्सनल लोन दिया था। लोन लेने वालों ने खुद को बिजली कंपनी उज्जैन का अधिकारी बताया था। दस्तावेज भी बिजली कंपनी से जुड़े दिये थे, लोन के दस्तावेज कंपनी के पास पहुंचे तो उनकी जांच शुरू की गई और इंदौर स्थिति बिजली कंपनी के मुख्यालय से तीनों के बारे में जानकारी प्राप्त की गई। पता चला कि तीनों व्यक्ति बिजली कंपनी के अधिकारी नहीं है, दस्तावेज भी फर्जी है। कंपनी के सेल्स मैनेजरों से मिली भगत कर लोन प्राप्त किया है। पुलिस ने 5 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया था। दिसंबर माह में गोपाल विश्वकर्मा, रमेश कुमार शर्मा, सतीश राव और राहुलसिंह गौड़ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सोमवार को थाना प्रभारी राकेश भारती ने बताया कि धोखाधड़ी से जुड़े 2 आरोपी दीपक पिता जर्नादन राजवानी निवासी शिवांश पैराडाईज कालोनी आगररोड और शुभम पिता मोहन शर्मा निवासी घट्टिया को भी गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया गया है। अब एक आरोपी की ओर तलाश है। जिससे पूछताछ में कुछ नाम ओर सामने आ सकते है।