यूपीएससी परीक्षा में ईओडब्ल्यू को छूट देने के मामले पर अंतिम सुनवाई 24 फरवरी को निर्धारित
जबलपुर। यूपीएससी परीक्षा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के उम्मीदवारों को अन्य आरक्षित वर्ग की तरह छूट प्रदान करने के की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की गयी थी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत तथा जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ को यूपीएससी की तरफ से बताया गया कि डीओपीटी की गाइड लाइन में ईडब्ल्यूएस वर्ग को आयु सीमा में छूट देने का प्रावधान नहीं है। याचिकाकर्ताओं की तरफ से कहा गया कि ओबीसी वर्ग को भी आर्थिक आधार पर आरक्षण का देते हुए आयु सीमा में छूट प्रदान की जाती है। युगलपीठ ने सभी पक्षों को अगली सुनवाई के पूर्व तर्क प्रस्तुत करने के निर्देश दिये है। याचिका पर अगली सुनवाई 24 फरवरी को निर्धारित की गयी है।
सतना निवासी आदित्य नारायण पांडेय सहित दायर 16 याचिकाओं में कहा गया था ईडब्ल्यूएस के उम्मीदवारों को आरक्षित श्रेणी में रखा गया है। आरक्षित श्रेणी में रखे जाने के बाद भी ईडब्ल्यूएस के उम्मीदवारों को आयु सीमा सहित अन्य छूट प्रदान नहीं की जाती है। याचिका में कहा गया था कि यूपीएससी ने सान 2025 में 979 पदों के लिए यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा 25 मई को आयोजित की जाएगी। जिसमें सामान्य वर्ग के तरफ ईडब्ल्यूएस वर्ग तरह आयु सीमा व अटेम्प्ट की संख्या निर्धारित की गयी है। आरक्षित श्रेणी में रखे गये अन्य वर्गो से छूट प्रदान की गयी है।
हाईकोर्ट ने 14 फरवरी को पारित आदेश में यूपीएससी को निर्देशित किया था कि याचिकाकर्ता सहित सभी समान स्थिति वाले उम्मीदवारों के आवेदन स्वीकार किए जाएं, भले ही वे वर्तमान योग्यता या आयु मानदंडों को पूरा न करते हों। यह फैसला सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांतों पर आधारित है, जिससे ईडब्ल्यूएस वर्ग के उम्मीदवारों को अन्य आरक्षित वर्गों के समान अवसर मिल सकेंगे। युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि अंतिम नियुक्ति याचिका के अंतिम आदेश के अधीन रहेगी।
याचिकाकर्ता की तरफ से परीक्षा फार्म जमा करने की तिथि में बढ़ोतरी किये जाने की मांग करते हुए आवेदन प्रस्तुत किया गया था। जिस पर सोमवार को सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने यूपीएससी से 24 घंटो में जवाब मांगा था। मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान यूपीएससी की तरफ से बताया गया कि डीओपीटी की गाइड लाइन में ईडब्ल्यूएस वर्ग को आयु सीमा में छूट का कोई प्रावधान नहीं है। सरकार की तरफ से बताया गया कि ईडब्ल्यूएस वर्ग को दस प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया है। उन्हें आयु सीमा सहित अन्य छूट प्रदान नहीं की गयी है। याचिकाकर्ता की तरफ से तर्क दिया गया कि ओबीसी वर्ग को भी आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ व छूट प्रदान की जाती है। क्रीमी लेयर के अंतर्गत आने वाले ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाता है। सभी पक्षों को सुनने के बाद युगलपीठ ने याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई 24 फरवरी को निर्धारित की है। युगलपीठ ने सभी पक्षों को निर्देशित किया है कि अगली सुनवाई के पहले वह अपना लिखित पक्ष प्रस्तुत करें। याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर,अधिवक्ता ध्रुव वर्मा तथा यूपीएससी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश कौशिक तथा केन्द्र सरकार की तरफ से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल व वरिष्ठ अधिवक्ता पुष्पेंद्र यादव उपस्थित हुए।