*शोध संगोष्ठी में देश-विदेश के 200 प्रतिभागियों ने लिया भाग, दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस शुरु*
ग्वालियर। आज भारत में महिलाएं पुरुषों के समान अधिकार रखती है। कुछ आक्रांताओं की बुरी नजरों से नारी की रक्षा के लिए कुछ रीति रिवाज प्रारंभ हुए थे जो उस समय की मांग थी, किंतु समय के साथ आक्रांताओ से तो मुक्ति मिल गई, लेकिन रूढिय़ा, कुरितियों में बदल गई। वर्तमान समय में नारी शिक्षित एवं अपने अधिकारों के प्रति सजग एवं जागरूक है। यह बात बुधवार को माधव विधि महाविद्यालय एवं लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शिक्षण संस्था के संयुक्त तत्वावधान में
माधव विधि महाविद्यालय की पूर्व शासी निकाय अध्यक्ष सदाशिव शंकर इंदापुरकर की स्मृति में आयोजित पहली अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र में मध्य भारत शिक्षा समिति के पालक विजय दीक्षित ने मुख्य अतिथि के रूप में कही।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि डॉक्टर उमाशंकर पचौरी, लक्ष्मीबाई शारीरिक शिक्षण संस्थान के खेल विभाग के विभागाध्यक्ष यजुवेंद्र सिंह राजपूत, अति विशिष्ट अतिथि श्रीलंका सीपीसीएसके वाइस चांसलर एवं सीनियर रिसर्च साइंटिस्ट प्रोफेसर डॉ रियाज सुलेमा लेबे उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्य भारत शिक्षा समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ राजेंद्र बांदिल ने की। उद्घाटन सत्र के की-नोट स्पीकर केलेनिया यूनिवर्सिटी श्रीलंका की सेंटर फॉर जेंडर स्टडीज सेल की डायरेक्टर डॉक्टर अनुष्का इदिरसिंघे उपस्थिति रही।
कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती पूजन एवं स्व.सदाशिव इंदापुरकर को श्रद्धाजंलि देकर किया गया। सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत के उपरांत माधव विधि महाविद्यालय के शासकीय निकाय अध्यक्ष एडिशनल एडवोकेट जनरल विवेक खेडक़र ने अतिथियों को पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। तदुपरांत शासी निकाय अध्यक्ष विवेक खेडक़र ने स्वागत भाषण दिया। स्वागत भाषण के बाद अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस की ऑर्गेनाइजेशन सेक्रेटरी माधव विधि महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. नीति पांडे ने कांफ्रेंस के बारे में जानकारी दी। श्रीमती पांडे ने बताया कि इस कॉन्फ्रेंस उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ राजेंद्र बांदिल ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में नारी की अहम भूमिका है। शिक्षा, स्किल एवं अनुभव के आधार पर आज ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां महिलाओं ने अपनी काबिलियत का लोहा ना मनवाया हो। डॉक्टर उमाशंकर पचौरी ने एवं वाय. एस. राजपूत ने उद्घाटन सत्र में कॉन्फ्रेंस सोविनियर का विमोचन किया गया। इस मौके पर प्राचार्य डॉक्टर नीति पांडे एवं जेंडर स्टडीज सेल के श्रीलंका के प्रोफेसर डॉक्टर अनुषा इदिरसिंघे द्वारा भारत एवं श्रीलंका में महिलाओं की स्थिति पर जेंडर एंड लॉ नाम से लिखी गई पुस्तक का भी अतिथियों ने विमोचन किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के शासी निकाय सदस्य एडवोकेट के. डी. दीक्षित ने अतिथियों को आदर्श स्वरूप स्मृति चिन्ह भेट किए। कार्यक्रम में माधव विधि महाविद्यालय के शासी निकाय अध्यक्ष एडवोकेट सुधीर चतुर्वेदी समिति की सदस्य डॉक्टर योजना शुक्ला, माधव कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर संजय रस्तोगी, पी. जी. व्ही. कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर विजय गुप्ता ने भी श्रीलंका से पधारे अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान किया।
संचालन माधव विधि महाविद्यालय की इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी की छात्रा कोऑर्डिनेटर कुमारी आकांक्षा मिश्रा एवं रिया सक्सेना ने किया। आभार डॉक्टर कल्पना शर्मा सदस्य शासी निकाय ने व्यक्त किया।
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विभिन्न विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हुए शामिल
टेक्निकल सेशन पैरेलल प्रारंभ किए गए, जिसमें विभिन्न विभिन्न विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर ने सेशन चेयर किए सेशन चीयर करने वाले एमिनेट स्पीकर्स में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की विधि विभाग की डीन डॉक्टर मोना पुरोहित, प्रेस्टीज मैनेजमेंट एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रो. डॉक्टर नंदन वेलंकर, फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट की प्रोफेसर डॉक्टर कविता शर्मा, शारदा यूनिवर्सिटी दिल्ली की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रितु गौतम, प्रेस्टीज इंस्टिट्यूट ग्वालियर विधि विभाग एचओडी डॉ हरिओम अवस्थी, एसोसिएट प्रोफेसर श्री आशीष शर्मा, एमिटी यूनिवर्सिटी मध्य प्रदेश से एसोसिएट प्रोफेसर समता गोयल, पंकज एवं प्रेस्टीज ग्वालियर से एसोसिएट प्रोफेसर स्नेहा राजपूत, गाजियाबाद से डॉक्टर शिल्पी एवं अन्य ने विभिन्न सेशन को चेयर किया आईटीएम यूनिवर्सिटी की हेड डॉक्टर शोभा भारद्वाज, एन.एल.आइ.यू. भोपाल की एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर कृति राजोरिया, एन.एल.आइ.यू. की सहायक प्राध्यापक रिद्विमा दीक्षित इत्यादि ने ऑनलाइन सेशन चेयर किए। इन सभी सत्रों के सफल संचालन में एल.एन.आई.पी.ई. की वाइस चांसलर प्रोफेसर डॉक्टर इंदु बोरा ने एवं प्रोफेसर यतेंद्र कुमार सिंह ने संस्थान का पूरा सहयोग उपलब्ध कराया।
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100 प्रतिभागियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किए
डॉक्टर नीति पांडे ने बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में देश-विदेश के 200 प्रतिभागियों ने अपना पंजीयन कराया। जिसमें से 100 प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। 4 सत्र ऑफलाइन मोड पर एवं 3 तकनीकी सत्र ऑनलाइन मोड पर आयोजित किए गए। प्रत्येक सत्र में 15 से 17 प्रतिभागियों ने थीम एवं सब थीम पर वूमेन इन पावरमेंट, क्राईम अगेंस्ट वूमेन, रोल ऑफ ज्यूडिशियरी इन प्रोवाडिंग जस्टिस टू वूमेन, वूमेन आर मोर वर्नेबल एट साइबर स्पेस, साइलेट क्राइस, वूमेन इन 21वी, सेंचुरी वीमेन एस मां दुर्गा, रिफॉर्मर्स इन लॉ रिलेटेड टू वूमेन, लीगल एंड ज्यूडिशल एंट्रीकेसेस इन द पार्ट ऑफ जस्टिस एवं अन्य थीमो पर शोध पत्र प्रस्तुत किए। वहीं यूएस, सिंगापुर, श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, साउथ अफ्रीका इत्यादि देशों के शोधार्थियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किए।