चोइथराम मंडी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान

असामाजिक तत्वों ने किसान को चाकू घोंपे
जीवन-मौत से हॉस्पिटल में संघर्ष कर रहा किसान
150 से अधिक सुरक्षा गार्ड, मगर सुरक्षा व्यवस्था राम भरोसे

इंदौर:इंदौर कृषि उपज मंडी के अधिकारियों की लापरवाही के चलते चोइथराम मंडी असामाजिक तत्वों का चारागाह बना हुआ है. आए दिन ये गुंडा तत्व किसानों से अवैध वसूली करने की कोशिश करते हैं और जिसके चलते आए दिन विवाद होते हैं. कल भी टमाटर विक्रय के लिए आये किसान से मुफ्त में टमाटर की मांग की गई और नहीं देने पर उसे चाकू घोंपकर घायल कर दिया गया. किसान संतोष उर्फ गणेश चोइथराम अस्पताल में भर्ती है.जहां उसका इलाज चल रहा है आज संयुक्त किसान मोर्चा के बबलू जाधव व रामस्वरूप मंत्री ने चोइथराम हॉस्पिटल पहुंचकर घायल किसान से मुलाकात की ओर पूरी घटना की जानकारी ली.

किसान ने बताया कि वह अपना टमाटर विक्रय के लिए दुकान नंबर 146 के व्यापारिक यहां आया था. तभी मंडी में दो व्यक्ति आए और भंडारे के नाम पर एक गाड़ी टमाटर की मांग की. मैंने कहा कि 4-6 किलो टमाटर दे सकता हूं इससे ज्यादा नहीं दे सकता. इस पर उसने मेरा गिरेबान पकड़ लिया और धक्का दिया, जिस पर मैंने विरोध किया तो दूसरे व्यक्ति ने मुझे चाकू घोंप दिया. पुलिस यदि उन अपराधियों को मेरे सामने लाएगा तो मैं उन्हें पहचान सकता हूं नाम मुझे मालूम नहीं है. वहीं मामले में संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री व बबलू जाधव चंदन सिंह बड़वाया और शैलेंद्र पटेल ने बताया कि चोइथराम मंडी में आए दिन ऐसी घटनाएं होती है कई बार मंडी सचिव और प्रभारी से सुरक्षा व्यवस्था की मांग की गई. सुरक्षा के नाम पर मंडी समिति ने 60 से ज्यादा सुरक्षा गार्ड्स को तैनात किया गया है लेकिन वह किसकी सुरक्षा करते हैं इसकी कोई खबर नहीं है क्योंकि आए दिन किसानों के साथ मारपीट होती है जानलेवा हमले होते हैं और मंडी समिति घटनाओं के बाद भी नींद से नहीं जाती है. नेताओं ने कहा कि चोइथराम मंडी के हालात अब बदतर होते जा रहे हैं, वहां के प्रशासन की कमजोर व्यवस्था के चलते किसान और व्यापारी अपने आपको सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं.

पहले भी हो चुकी घटनाएं
नेताओं के अनुसार यह हमले का पहला किस्सा नहीं है. इससे पहले भी कई व्याापारियों सहित किसानों पर वसूलीबाज हमला कर चुके हैं. मंडी सचिव इस हमले को पुराना विवाद बताकर अपना बचाव करना चाह रहे हैं जबकि इस किसान के साथ यह पहली घटना है. इससे पहले उसके साथ ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. साथ ही जिन लोगों ने हमला किया है उन्हें वह पहचानता भी नहीं है, तो यह कहना सही नहीं है कि यह पुराने विवाद का मामला है. बल्कि मंडी सचिव घटना पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं.

गौरतलब है कि आयुक्त मंडी बोर्ड ने मंडी की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी किए जाने की कई बार आदेश दिए हैं और यह भी कहा है कि किसानों की सुरक्षा के प्रबंध होना चाहिए तथा सामाजिक तत्वों पर सख्त कार्रवाई होना चाहिए लेकिन मंडी सचिव की लापरवाही के चलते आज तक किसी सामाजिक तत्व के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है

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