स्वच्छता निर्धारण का अब नया तरीका, तीन अव्वल शहरों के बनेंगे अलग समूह: खट्टर

भोपाल, 09 फरवरी (वार्ता) केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज बताया कि देश में अब स्वच्छता निर्धारण के क्षेत्र में नए शहरों को भी अव्वल आने का अवसर देते हुए एक पृथक तरीका अपनाया जाएगा, जिसके तहत अव्वल तीन शहरों के पृथक समूह बना कर उनकी अलग से प्रतियोगिता कराई जाएगी।

 

श्री खट्टर केंद्र सरकार के बजट से जुड़े प्रावधानों की जानकारी देेने के लिए भोपाल आए थे। यहां उन्होंने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान बजट से जुड़े लगभग सभी प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, प्रदेश भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा भी उपस्थित रहे।

 

श्री खट्टर ने मध्यप्रदेश के इंदौर के स्वच्छता सर्वेक्षण में कई सालों से अव्वल आते रहने का संदर्भ देते हुए बताया कि अब सर्वेक्षण के लिए एक नया तरीका अपनाया जाएगा, जिससे अन्य शहरों को भी अव्वल आने का अवसर प्राप्त हो सके। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों से अव्वल आ रहे तीन शहरों का एक पृथक समूह बनाया जाएगा और उनके बीच प्रतियोगिता होगी। इस प्रतियोगिता में जो पीछे छूटेगा, उस शहर को बाकी सभी शहरों के सामान्य समूह में डाल दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश में कुल चार हजार 900 शहर हैं, इस प्रतियोगिता में सभी को आगे लाना है। अव्वल तीन के बीच अलग से प्रतियोगिता होगी और उन्हें अपना तमगा बरकरार रखना होगा।

 

इसके साथ ही उन्होंने बजट प्रावधानों के बारे में बताया कि केंद्र सरकार का लक्ष्य 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है। साल 2013-14 का बजट 16 लाख 65 हजार करोड़ रुपए का था, जो आज बढ़ कर 50 लाख 65 हजार करोड़ रुपए हो गया है। 10 साल में भारत का बजट तीन गुना बढ़ गया। इस प्रकार की गति और किसी देश की नहीं है।

 

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा नई योजनाएं लाने के साथ पुरानी को बढ़ाते हैं। वे चार वर्गों ज्ञान, गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी की बात करते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने का काम किया है।

 

श्री खट्टर ने बताया कि सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना में तीन करोड़ नए घर बनाने का निर्णय हुआ। इसके लिए बजट का प्रावधान किया गया है। आयुष्मान भारत में 70 साल से अधिक वाले परिवार के सदस्य को पांच लाख रुपया की सहायता की घोषणा की है। 31 हजार से ऊपर अस्पताल इसमें शामिल हो गए हैं, जिनमें इलाज होगा।

 

उन्होंने बताया कि बजट में कारगीरों के लिए विश्वकर्मा योजना हेतु 5100 करोड़ रुपए का बजट रखा है। युवाओं के लिए भी बजट 2013-14 की तुलना में 10 गुना बढ़ा दिया गया है। पीएम रिसर्च फेलोशिप स्कीम के तहत सभी संस्थानों की तकनीकी रिसर्च के लिए फेलोशिप दी जाएगी।

 

उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में 2013-14 से तुलना करते हुए आंकड़े पेश करते हुए देश के लगातार विकास की राह पर चलने का दावा किया।

 

श्री खट्टर ने बजट में महिलाओं, किसानों, गरीब कल्याण और युवा वर्ग पर केंद्रित आंकड़े प्रस्तुत किए और नई योजनाओं की जानकारी दी।

 

उन्होंने बताया कि बजट में मध्यम वर्ग के लिए करों में रियायत लगातार बढ़ाई गई है। इसके तहत पहले ढाई लाख, फिर पांच, फिर सात और अब 12 लाख रुपये सीमा कर दी गई है। करों की स्लैब में भी परिवर्तन किया है।

 

उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2024 में देश में मेट्रो एक हजार किलोमीटर के आंकड़े तक पहुंच गई है। मेट्रो के मामले में हम चीन और अमेरिका के बाद तीसरे नंबर पर आ गए हैं। जल्द ही हम अमेरिका को भी पार कर लेंगे। भारत प्रतिदिन छह किलोमीटर मेट्रो निर्माण तक पहुंच गया है। देश अब जीरो कार्बन उत्सर्जन की ओर बढ़ रहा है और ईवी चार्जिंग स्टेशन बढ़ाने के लिए अलग से बजट प्रावधान किए गए हैं।

 

मध्यप्रदेश के हिस्से का बजट बताते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि सरकार की हर नई योजना में मध्यप्रदेश को लाभ मिलेगा। कपास उत्पादन से जुड़े बजट से राज्य के मालवा-निमाड़ लाभान्वित होंगे।

 

उन्होंने कहा कि केंद्र की होम स्टे से जुड़ी परियोजना में मध्यप्रदेश की नर्मदा यात्रा को खासा लाभ मिलेगा। राज्य के सभी धार्मिक पर्यटक स्थल और उनके आसपास के ग्रामीण क्षेत्र इससे लाभ पा सकेंगे।

 

उन्होंने नदी जोड़ो परियोजना का संदर्भ देते हुए कहा कि इससे जुड़े बजट का भी राज्य को बड़ा लाभ होगा। केंद्र की भाषा संवर्धन योजना का भी मध्यप्रदेश को लाभ मिलेगा। इंजीनियरिंग कॉलेजों के शोध से जुड़े बजट का भी मध्यप्रदेश लाभ उठाएगा। डे केयर सेंटर से कैंसर जैसी बीमारियोंं के शुरुआत में ही पता चलने की संभावनाएं बढ़ेंगी।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों के आगामी 25 साल की योजना को लेकर मध्यप्रदेश भी काम कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पांडुलिपियों के संरक्षण को लेकर केंद्र सरकार काम कर रही है, प्रदेश के सभी संग्रहालयों में पहले से इस पर काम चल रहा है।

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