रामपुर नैकिन :रीवा-सिंगरौली नवीन रेल परियोजना में ज्यादा मुआवजा के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाने का खेल निर्बाध रूप से हुआ। ऐसा ही मामला रामपुर नैकिन तहसील के ग्राम पटेहरा का सामने आया है।जिले के रामपुर नैकिन ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत पटेहरा में निकलने वाली रेल लाइन का भूअर्जन रेलवे विभाग द्वारा पूर्व में ही अधिग्रहित करा लिया गया था। वहीं रीवा-सीधी-सिंगरौली नई बी.जी. रेल लाइन परियोजना के एलायमेंट में रेलवे विभाग के वरिष्ट खंड अभियंता, हल्का पटवारी, रेलवे पटवारी द्वारा नए रजिस्ट्री कराने वाले किसानों से लेन-देन कर 8 फरवरी 2024 को स्थल पंचनामा तैयार कर पूर्व में भूअर्जन प्रस्ताव 2021 में दिया गया था।
बाद में उसमें संशोधन करके खसरा क्रमांक 760 रकवा 0.300 हे. का संपूर्ण रकवा बिक्री किया गया एवं टुकड़ों में रजिस्ट्री कराई गई। जिसकी रजिस्ट्री 0.031 हेण् की हुई थी। जिसे घटाकर 0.015 हे. कर दिया गया और वर्गफिट में मुआवजा बनाने की वजह से रेलवे विभाग एवं प्रशासन को 50 लाख से ज्यादा की क्षति पहुंचाई गई है। इसी प्रकार खसरा क्रमांक 559 से जो रकवा का भूअर्जन का प्रस्ताव 0.060 हेण् का दिया गया था वह रेलवे से प्रभावित रकवा न होने के बावजूद भी भू-अर्जन प्रस्ताव में दिए जाने से शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाया गया। इस संबंध में कई ग्रामीणों एवं मुकेश कुमार लोनिया निवासी पटेहरा द्वारा जानकारी देते हुए कहा कि खसरा क्रमांक 760 रकवा 0.300 हे. का भूमि स्वामी से विक्रेताओं द्वारा खंड-खंड में बिक्री कराकर रजिस्ट्री कराई गई थी। जितनी जमीन की रजिस्ट्री कराई गई है सभी भूमि रेलवे से प्रभावित भूमि हैं। जिसकी रजिस्ट्री कृषि भूमि के आधारित हुई है। रेलवे विभाग द्वारा 2021 में खसरा नंबर 760 के संपूर्ण रकवा 0.300 हे. का भूअर्जन के लिए प्रस्ताव भेजा गया था।
12 रजिस्ट्रियों का घटाया गया रकवा
तहसील रामपुर नैकिन के पटवारी हल्का पटेहरा में खसरा क्रमांक 760 में जो रजिस्ट्री हुई उनमें से खसरा क्र.760/2 में से रकवा 0.031हे. को घटाकर 0.015हे. किया गया जो कि यशोदा बेवा अंजनी प्रसाद पटेल ने रजिस्ट्री कराई थी। वहीं रजिस्ट्री कराने वालों में से सतेन्द्र पिता भागवत प्रसाद लोनिया, तहसीला पति कैलाश लोनिया, संतोष पिता मोतीलाल कुशवाहा, राजकुमार पिता कमला प्रसाद मिश्रा, अनीश पिता आशुतोष पाण्डेय, अभिषेक पिता प्रदीप कुमार सिंह, आरती पिता कुलदीप सिंह, वर्षा पिता कुलदीप सिंह एवं अजय पिता इंद्रभान सिंह सहित अन्य लोग शामिल हैं। जिनका खसरा क्र. 760/2 से लेकर 760/9/4 के सभी रकवों को घटा दिया गया और वहीं रेल विभाग को लाखों की चपत लगाई गई है। बताया गया है कि जो जमीन रेल विभाग को कम पैसे में ज्यादा मिल रही थी वहीं विभागीय कर्मचारी-अधिकारियों द्वारा जमीन का रकवा घटाकर मुआवजा बढ़ाने के चक्कर में रेल विभाग एवं प्रशासन को चपत लगाने में कोई कोर-कसर नहीं छोंड़ रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि 8 फरवरी 2024 को जो भूअर्जन का प्रस्ताव का हवाला दिया गया था उसकी उच्च अधिकारियों द्वारा विधिवत जांच कर भूअर्जन की कार्यवाही की जाए तो शासन एवं रेलवे को आर्थिक क्षति से बचाया जा सकता है। जिस पर फिलहाल लीपापोती का प्रयास उच्च स्तरीय शुरू करने की जानकारी सामने आ रही है।
इनका कहना है
इस मामले की जानकारी अभी मेरे संज्ञान में आ रही है। इसकी गहन जांच करने के बाद कार्यवाही की जाएगी।
मधुर वर्मा, डीसीएम रेलवे जबलपुर