जबलपुर: गोकलपुर बाल संप्रेषण गृह से भागे एक बालक को तो तिलवारा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है लेकिन सात नाबालिग बच्चों का अब तक कोई सुराग नहीं जुटा पाई है। पकड़े गए बालक ने फरारी के दौरान एक एक मकान में चेारी की थी। पकड़े गए बालक को हिरासत में लेने के बाद तिलवारा पुलिस ने न्यायालय के समक्ष पेश किया जहां से उसे कोर्ट ने सिवनी बाल संप्रेषण गृह भेज दिया हैं।
तिलवारा थाना प्रभारी बृजेश मिश्रा ने बताया कि पांच फरवरी को दिनेश यादव पिता नर्मदा प्रसाद यादव 41 साल निवासी बंसत विहार कालोनी तिलवारा ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि वे सुबह करीब 11 बजे मकान का दरवाजे का ताला डालकर अपने मेडिकल स्टोर गया था। बच्चे स्कूल पढऩे गये थे। पत्नी बीएसएनएल आफिस गई थी। करीब 11.30 बजे आफिस से केमरा देखा तो एक लडक़ा गेट से कूदते हुए दिख रहा था। घर में आकर देखा तो मकान के पीछे के गेट की कुंदी टूटी हुई थी दरवाजा खुला था अलमारी खुली थी सामान पूरा बिखरा पड़ा था मोबाइल, नगदी दो हजार रूपए गायब थे। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर पतासाजी करते हुए बालक को दबोच लिया। पूछताछ करने पर बालक द्वारा चोरी करना एवं तीन दिन पहले बालक संप्रेक्षण ग्रह गोकलपुर से रात्रि करीब 8 बजे चौकीदार से मारपीट कर साथियो के साथ भागना स्वीकार किया एवं चोरी गये मशरूका एक मोबाईल व नगदी बरामद किया गया है।
आठों सतपुला तक साथ गए
पकडे गए बालक ने पूछताछ में बताया कि बाल गृह से भागे आठों बालक एक साथ योजना बनाकर भागे थे इसके बाद सतपुला तक साथ में थे इसके बाद सभी अलग-अलग रास्तों से फरार हो गए थे।
रांझी पुलिस नहीं ढूंढ पा रही
गोकलपुर बाल गृह से आठ नाबालिग पर पुलिस अभिरक्षा से भागने, चौकीदार से मारपीट करने का रांझी थाने में मामला दर्ज कर सात बालकों की तलाश में जुटी हुई है। जबकि एक बालक को तिलवारा पुलिस ने पकड़ लिया है लेकिन रांझी पुलिस बालकों को नहीं ढूंढ पा रही है नाबालिगों के कटनी, इटारसी भागने की भी आशंका है।
आदतन अपराधी है बालक
विदित हो कि गोकलपुर स्थित बाल संप्रेषण गृह में चौकीदार राजेंद्र कुमार पटेल ड्यूटी पर तैनात था। आठ बालक हमला कर छत के दरवाजे की चाबी छीनी और ऊपर का दरवाजा खोलकर छत के रास्ते से फरार हो गए थे, चौकीदार का मोबाइल भी छीनकर ले गए थे। बाल गृह से भागे नाबालिग आदतन अपराधी है। आर्म्स एक्ट, मारपीट समेत अन्य धाराओं के तहत अलग-अलग थानों में दर्ज अपराध में नाबालिगों को पुलिस ने हिरासत में लिया था जिन्हें कोर्ट ने बाल गृह भेज दिया था।