
हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब
जबलपुर। स्थानांतरण के लिए अतिथि संकाय शिक्षकों से आवेदन मांगे जाने के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस डीडी बंसल ने स्थगन आदेश जारी करते अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जबलपुर स्थित शासकीय साइंस कॉलेज तथा मोहनलाल हरगोविंद दास होम साइंस कॉलेज में पदस्थ 18 अतिथि संकाय शिक्षकों की तरफ से उक्त याचिका दायर की गयी थी। याचिका में कहा गया था कि मध्य प्रदेश सरकार के 17 जनवरी 2025 ने एक आदेश जारी कर अतिथि संकाय शिक्षकों से कहा गया था कि प्रोफेसरों और सहायक प्रोफेसरों की तैनाती के बाद उन्हें अन्य स्थानों पर स्थानांतरण के लिए फॉर्म भरने कहा गया है। याचिका में उक्त आदेश को अवैधानिक करार देते हुए कहा था कि अगस्त 2024 में पारित नीति में अतिथि संकाय प्रणाली की निरंतरता को स्पष्ट रूप से मान्यता दी गई है। जिसके कारण उक्त आदेश पूरी तरह से अवैध और मनमाना है।
याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता आदित्य संघी ने पैरवी करते हुए न्यायालय को बताया कि उक्त अतिथि संकाय शिक्षक डेढ़ दशक से अधिक समय से कार्यरत है। सुप्रीम कोर्ट के 31 जनवरी 2025 के पारित हालिया फैसले में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अतिथि संकाय जिन्होंने दशकों की सेवा दी है और उन्हें बिना किसी आधार के बाहर नहीं निकाला जा सकता है। इन अतिथि संकाय सदस्यों को नियमित करने के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया सरकार द्वारा बनाई जानी चाहिए। एकलपीठ ने सुनवाई के बाद स्थगन आदेश जारी करते हुए प्रदेश सरकार,उच्च शिक्षा विभाग तथा दोनों स्व शासकीय कॉलेज के प्राचार्य को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
