अचानक धराशायी हुआ व्यंकटेश लोक का मुख्य द्वार

कोई हताहत नहीं, आक्रोशित रहवासियों ने संविदाकार को जमकर कोसा

सतना: पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा लोकार्पित, शहर की आन-बान-शान के रुप में प्रचारित और भावी रेलवे स्टेशन की डिजाइन के प्रेरणास्त्रोत व्यंकटेश लोक का मुख्य द्वार रविवार की सुबह अकष्मात ही धराशायी हो गया. यह तो गनीमत रही कि भारी भरकम लोहे का गेट गिरने के दौरान कोई उसकी चपेट में नहीं आया. लेकिन इस घटना ने इस बात की कलई खोल कर रख दी कि संविदाकारों के सामने निगम प्रशासन कितना लाचार बना हुआ है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार की सुबह हर रोज की तरह कुछ स्थानीय रहवासी तो कुछ अन्य क्षेत्र के लोग व्यंकटेश लोक परिसर में भ्रमण और दर्शन पूजन करने के लिए आए हुए थे. लेकिन इसी दौरान तेज आवाज सुनकर आस पास मौजूद लोग तब सकते में आ गए जब उन्होंने व्यंकटेश लोक के मुख्य द्वारा को जमीन पर पड़े देखा. लोगों ने सबसे पहले यह जानने की कोशिश की कि कोई उसकी चपेट में आकर हताहत तो नहीं हुआ. लेकिन गनहमत रही कि सभी सकुशल पाए गए. लेकिन इस घटना ने स्थानीय रहवासियों को जमकर आक्रोशित कर दिया. संबंधित संविदाकार और निगम प्रशासन के लचर रवैऐ को लेकर स्थानीय लोगों ने कोसने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

इसी दौरान घटना की जानकारी मिलने पर संबंधित संदिाकार भी मौके पर पहुंए गए. जिन्हें सामने देखकर स्थानीय रहवासियों ने जमकर खरी खोटी सुनाई. लोगों ने कहा कि गेट का खंदा और दीवार दोनों भरभरा गए. जिससे यह समझा जा सकता है कि कार्य कैसे किया गया. गौरतलब है कि स्मार्ट सिटी मद से व्यंकटेश लोक में 8.25 करोड़ रु की लागत से सौंदर्यीकरण कराया गया है. जिसमें से कुछ चरण के कार्य पूरे हो चुके हैं. जबकि कुछ कार्य फिलहाल होना शेष है. लेकिन शहर की सांस्कृतिक झलक के तौर पर सराहे जाने वाले इस परिसर में इस तरह की गंभीर लापरवाही सामने आने पर नगरवासियों द्वारा नगर निगम और स्मार्ट सिटी की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं. जबकि यहां पर हुए निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर कई वार्ड के पार्षदों द्वारा पहले से ही सवाल खड़े किए जा रहे थे.
  कराई जाएगी बैरीकेटिंग
प्राप्त जानकारी के अनुसार व्यंकटेश लोक परिसर का सौंदर्यीकरण उपयंत्री प्रवीण जायसवाल की निगरानी में कराया गया था. फिलहाल रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल पर इस परिसर के संचालन और संधारण की जिम्मेदारी महीप सिंह को दी गई है. महीप सिंह के अनुसार पूर्व संविदाकार द्वारा किए गए घटिया निर्माण के चलते इस तरह की स्थिति सामने आई है. वे हाल ही में हुई टेंडर प्रक्रिया में शामिल हुए हैं. जिसका एग्रीमेंट वे साइन करने वाले हैं. जिसके बाद अगले 3 महीने में उनके द्वारा बैरीकेटिंग का कार्य कराया जाना है

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