घटनास्थल पर ही एक श्रद्धालु डॉक्टर ने कामता प्रसाद का स्वास्थ्य चेक किया तो पता चला कि उनकी मौत हो गई है. इसके बाद उनके साथियों ने शव प्रयागराज के अखाड़ा थाने में सौंप दिया. इसके बाद कामता प्रसाद के भतीजे मान सिंह बघेल रिश्तेदारों के साथ शव लेने प्रयागराज पहुंचे. लेकिन वहां हालात खराब थे. शव लाने के लिए कोई गाड़ी नहीं था. परिवार के सदस्यों को बार-बार कई जगह चक्कर लगाने पड़े.
काफी मशक्कत के बाद पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए पीड़ित परिवार की मदद की. तब जाकर कहीं वाहन की व्यवस्था हो सकी. इसके बाद जाकर जैसे-तैसे शव ग्वालियर लाया गया. कामता प्रसाद का शव ग्वालियर पहुंचने के बाद नम आंखों से उनका अंतिम संस्कार किया गया.कामता प्रसाद परिवार के एकमात्र कमाने वाले व्यक्ति थे. उनकी टेकनपुर में इलेक्ट्रिक की दुकान थी. परिवार में पत्नी, तीन शादीशुदा बेटियां और एक बेटा है. बेटे की पढ़ाई जारी है. पिता की मौत की खबर से बेटी प्रियंका की तबीयत बिगड़ गई. उन्हें हार्ट संबंधी समस्या हो गई है.