कामायनी में सफर के दौरान चोरी किया था मोबाइल
बीना जीआरपी ने शातिर जालसाज को किया गिरफ्तार
भोपाल, 30 जनवरी. कामायनी एक्सप्रेस में सफर कर रहे मुंबई के एक यात्री का मोबाइल फोन चोरी कर उसके खाते से ऑनलाइन रुपए निकालने वाले शातिर जालसाज को जीआरपी ने गिरफ्तार किया है. आरोपी ने 8 दिनों के भीतर एक व्यक्ति के एकाउंट में कुल 134 ट्रांजेक्शन करके करीब सवा 6 लाख रुपये निकाल लिए थे. बदमाश के पास से 3 लाख 6 हजार चार सौ रुपए नकद, चोरी के दो मोबाइल फोन और तीन सिमकार्ड जब्त किए गए हैं. पुलिस अधीक्षक रेल राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कि मुंबई निवासी गजानन पाटिल बीती 13 जनवरी को अपने दोस्त सागर पिल्ले के साथ कामायनी एक्सप्रेस के एसी कोच में यात्रा कर रहे थे. रात के समय खाना खाने के बाद उन्होंने अपने मोबाइल फोन चार्जिंग पाइंट पर लगाए और सो गए. सुबह करीब 6 बजे बीना रेलवे स्टेशन पर उनकी नींद खुली तो चार्जिंग पाइंट पर लगे दोनों यात्रियों के मोबाइल फोन चोरी हो चुके थे. इस मामले की रिपोर्ट जीआरपी कटनी में दर्ज कराई गई थी. केस डायरी आने के बाद बीना जीआरपी में असल कायमी की गई थी. मोबाइल सिम की मदद से निकाले रुपए जांच के दौरान जीआरपी ने चोरी गए मोबाइल नंबर का तकनीकी विश्लेषण किया तो पता चला कि घटना के बाद फोन-पे, पेटीएम, यह बैंक और केनरा बैंक आदि के कई मैसेज मोबाइल पर आए थे. जालसाज ने चोरी की सिम का उपयोग कर गजानन के खाते से 13 जनवरी से 20 जनवरी के बीच कुल 134 ट्रांजेक्शन किए. इस दौरान आरोपी ने उनके बैंक एकाउंट से करीब सवा 6 लाख रुपये निकाल लिए थे. आगे जांच करने पर पता चला कि आरोपी ने एक पेट्रोल पंप कर्मचारी को 2 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे और पांच हजार रुपये कमीशन देने के बाद बाकी के एक लाख 95 हजार रुपये वापस लिए थे. पुलिस ने पेट्रोल पंप कर्मचारी से पूछताछ की तो उसने संबंधित व्यक्ति को पहचानने से इंकार कर दिया. सीसीटीवी फुटेज से मिला सुराग जीआरपी की टीम लगातार आरोपी की तलाश कर रही थी. इसी बीच उक्त संदेही दोबारा से पेट्रोल पंप पर लगे सीसीटीवी कैमरे पर दिखाई दिया तो पुलिस टीम ने उसे दबोच लिया. पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम दयाराम यादव पुत्र महेश यादव (28) निवासी ग्राम करई, थाना बरेठा जिला सागर बताया. उसके कब्जे से कामायनी एक्सप्रेस में चोरी किए गए दोनों मोबाइल फोन, तीन सिमकार्ड और बैंक एकाउंट से निकाले गए 3 लाख 6 हजार चार सौ रुपए नकद जब्त हुए हैं. इस प्रकार दिया वारदात को अंजाम एसपी लोढ़ा ने बताया कि आरोपी ने चोरी के मोबाइल की सिम निकालकर दूसरे मोबाइल में डाली और ट्रांजेक्शन ऐप डाउनलोड किए. इस दौरान कंपनी की तरफ से आने वाला वेरीफिकेशन ओटीपी भी उसी सिमकार्ड पर आया था, जिसे उसने ओके कर दिया, जिससे ट्रांजेक्शन चालू हो गया. फरियादी को जब तक इसका पता चल पाता, उसके पहले उसने सैकड़ों बार उसका उपयोग कर लिया. पकड़े गए बदमाश के खिलाफ बलवा, मारपीट, धोखाधड़ी समेत करीब एक दर्जन अपराध पहले से दर्ज हैं. वह दो बार जिलाबदर भी हो चुका है.