हैदराबाद (वार्ता) देश की प्रमुख लौह अयस्क खनन कंपनी एनएमडीसी ने वर्ष 2030 तक प्रत्येक वर्ष दस करोड़ टन उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
इसके लिए कंपनी ने मंगलवार को यहां एक विक्रेता सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें उसने अपने 10 करोड़ टन प्रति वर्ष की कार्ययोजना को साझा किया। इस सम्मेलन में देशभर के संवेदकों, सलाहकारों और विक्रेताओं के साथ 70,000 करोड़ रुपये की पूंजीगत व्यय योजना की जानकारी दी गई।
कंपनी का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में उत्पादन क्षमता को बढ़ाना, बुनियादी ढांचे का निर्माण करना और डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाना है। एनएमडीसी ने अपनी व्यावसायिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने और अपने साझेदारों से उच्चतम गुणवत्ता और समयबद्धता की मांग करते हुए व्यापार करने में आसानी का आश्वासन दिया।
एनएमडीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अमिताव मुखर्जी ने कहा, “यह केवल व्यवसाय नहीं बल्कि 2030 तक 10 करोड़ टन का लक्ष्य प्राप्त करना एनएमडीसी के लिए एक प्राथमिकता है। यह अवसर हमें वैश्विक खनन पावरहाउस बनने की दिशा में आगे बढ़ने का मौका देता है।” उन्होंने विक्रेताओं से आग्रह किया कि वे इस लक्ष्य को समय पर और सर्वोत्तम गुणवत्ता के साथ पूरा करने के लिए अपने संसाधनों और वित्तीय योजनाओं को मजबूत करें।
एनएमडीसी की यह योजना भारतीय खनन और इस्पात उद्योग में नए मानक स्थापित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए कंपनी विक्रेताओं के साथ साझेदारी को मजबूत करते हुए राष्ट्र के आर्थिक विकास में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।