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ओंकारेश्वर। तीर्थनगरी में रोज दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं का दबाव बढ़ता जा रहा है। झूला पुल से निकासी उचित है, लेकिन झूला पुल के पास बनी 11 दुकान अड़चन पैदा कर रही हैं। किसी भी दिन बड़े हादसे की संभावना है। इन दुकानों में नगर परिषद प्रशासन और राज्य स्तर के शासन को झूठी जानकारी दे रही है। सीएम हेल्पलाइन में इस संबंध में शिकायत को भी गलत ठहरा रही है। इसकी बड़े पैमाने पर जांच की जरूरत है।
समाजसेवी जयप्रकाश पुरोहित ने आरोप लगाया है कि हेल्प लाइन शिकायत क्रमांक 30299217 में संबंधित विभाग द्वारा सीएम हेल्प लाइन को झूठी जानकारी देकर शिकायत को निराधार बताकर शिकायत बन्द करने का कहा गया है।
शिकायतकर्ता जयप्रकाश पुरोहित ने शिकायत को वरिष्ठ अधिकारी के पास भेजनें का निवेदन किया है।
रजिस्ट्री क्या इसी भूमि की है
झूला पुल पर 11 दुकानें पक्की निर्माण हुई हैं, जो रजिस्ट्री की बताई गई है, वो गलत है। उसकी जाँच राजस्व विभाग द्वारा की जाना चाहिए। यह जमीन पहाड़ी होकर ओंकारेश्वर मंदिर के क्षेत्र में आती है। जिस जगह नीचे से ऊपर पुल तक उठाकर लाना और 11 दुकानें एक हीं लाइन में बनी हैं। जिसके पीछे भी पहाड़ी लगी है। क्या रजिस्ट्री इसी भूमि की है? इसकी जाँच राजस्व विभाग को करनी चाहिए।
बताया है कि इस पर सम्पति कर लगा है। इसकी जाँच होना चाहिए कि सम्पति कर परिषद द्वारा कैसे लगाया है? जबकि परिषद द्वारा सूचना के अधिकार में मांगी जानकारी में 11 दुकानों का निर्माण बगैर अनुमति के होना बताया गया है।
इनकी अनुमति बिना
दुकानें कैसे बनीं?
पुल निर्माण एजेंसी, मंदिर ट्रस्ट, राजस्व विभाग,टाउन एन्ड कंट्री प्लानिंग,की बगैर एनओसी के निर्माण कर लिया गया। जिससे झूला पुल से आवागमन अवरुद्ध हो रहा है।
नगर परिषद की बगैर निर्माण अनुमति के 11 दुकानों का झूला पुल पर पक्की दुकाने बनाना विचारणीय है। लाखों रूपये महीने का दुकानों से व्यावसायिक किराया वसूल किया जा रहा है। समाजसेवी जयप्रकाश पुरोहित ने मुख्यमंत्री एवं कलेक्टर से झूला पुल पर बनी इन अवैध 11 दुकानों की विस्तृत जाँच कर दोषी एवं लिप्त अधिकारियो,पर कार्यवाही करने की मांग की है।