इंदौर:पिछले कुछ वर्षों में शहर में दो और चार पहिया वाहनों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है जिसको लेकर आज तक सिर्फ चिंता ही जताई गई है इससे उठने वाली समस्या का निराकरण आज तक नहीं हो पाया है.यातायात विभाग के लिए सबसे बड़ी चुनौती है शहर में बढ़ते वाहन और सीमित पार्किंग. इस समस्या से आज भी निजात नहीं मिल पाई है. इस कारण शहर के फुटपाथों पर चार पहिया वाहनों का कब्जा बना रहता है और पैदल चलने वाले सड़क पर चलने को मजबूर हैं.
पुराने शहरी क्षेत्र में देखा गया है कि भविष्य की चिंता किए बिना ही निर्माण किए गए और विकास को दरकिनार किया गया जिसके कारण आज यहां पार्किंग मिलना तो सौ प्रतिशत संभव नहीं है. वहीं शहर के नए एवं व्यावसायिक क्षेत्र में देखा जाए तो यहां भी वही हाल है. ढक्कन वाले कुएं के आसपास तो हालत बुरे हो चले हैं. गोकुलदास आपताल के सामने टीबी असपताल के बाहर फुटपाथ पर इतने चार पहिया वाहन खड़े होते है कि पैदल चलने वालों को जान जोखम में डाल कर सड़क पर चलना पड़ रहा है. इतना ही नहीं टीबी असपताल के बोर्ड के नीचे ही गोकुलदास असपताल संचालक ने अपनी पार्किंग बना रखी है. तकरीबन चार पांच एंबुलेंस पार्किंग कर्रवाई जाती है. जबकि गोकुलदास अस्पताल की खुद की पार्किंग है.
इनका कहना है
टैक्स के रूप में आम आदमी से पैसा लिया जाता है. उसी पैसों से लोगों के चलने के लिए सुंदर फुटपाथ बनाए जाते है जिस पर चार पहिया वाहनों ने कब्जा बना रखा है.
– बंटी ठाकुर
चौड़े और सुविधाजनक फुटपाथ बनाए गए जिसका उपयोग भी आम जनता ही करें. इन पर यातायात पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं करती यहां तो गलत ही है दोनों की ही मनमानी चल रही है.
– इमरान खान
यहां तो सबकी आंखे बंद है सुनता भी कोई नहीं, यहां समस्या पूरे शहर में हो चुकी है. सरकारी भूमि पर प्रशासन को पार्किंग बना देनी चाहिए ताकि शहर सुंदर और सुविधाजनक हो.
– सौरभ शेखावत