नयी दिल्ली, 21 जनवरी (वार्ता) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने आजादी की लड़ाई में कोई हिस्सा नहीं लिया और वह उन्हें चुनौती देते हैं कि वे इतिहास में ढूंढकर बताएं कि आंदोलन में उनकी भागीदारी कितनी रही।
श्री खरगे ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा,“बाबासाहेब डॉ अंबेडकर जी को सम्मान देने के लिये कांग्रेस ने जो किया ऐसा शायद दूसरा कोई नहीं कर सकता था।मुंबई से संविधान सभा में लाने के लिए कांग्रेस ने अपने सदस्य एम आर जयकार का इस्तीफा कराया। गाँधी जी ने ही संविधान सभा के ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष के लिए बाबासाहेब डॉ अंबेडकर जी के नाम का सुझाव दिया था। भारत सरकार में बाबासाहेब को देश का पहला कानून मंत्री बनाने में भी गांधीजी ने अपना समर्थन दिया था।”
उन्होंने कहा,“राज्य सभा में बाबासाहेब को दो बार बंबई से चुना गया। पहली बार तीन अप्रैल 1952 से दो अप्रैल 1956 के बीच। दोबारा तीन अप्रैल 1956 को सदस्य बने, पर छह दिसंबर 1956 को उनका निधन हो गया। कांग्रेस पार्टी चाहती थी कि बाबासाहेब सम्मान सहित राज्य सभा पहुंचे, इसीलिए वो दो-बार निर्विरोध राज्य सभा का चुनाव जीते। भाजपा के लोग यह झूठ फैलाने की कोशिश करते हैं कि कांग्रेस ने अंबेडकर जी की कोई प्रतिमा नहीं लगाई। दो अप्रैल 1967 को कांग्रेस सरकार में बाबासाहेब के सम्मान में संसद भवन में उनकी सबसे बड़ी मूर्ति लगाई थी। उस समय डॉ एस राधाकृष्णन जी राष्ट्रपति थे और सरदार हुकुम सिंह जी, जो लोक सभा अध्यक्ष थे, उन्होंने ने प्रतिमा का अनावरण किया था।”
श्री खरगे ने कहा,“भाजपा आरएसएस व उनके पुरखों ने भारतीय तिरंगा, हमारे संविधान, हमारे अशोक चक्र, बाबासाहेब अंबेडकर और हमारे स्वतंत्रता संग्राम सबका विरोध किया। आरएसएस ने 52 साल तक नागपुर में अपने मुख्यालय पर देश का तिरंगा नहीं फहराया और कोर्ट के आर्डर के बाद उन्हें मजबूरन फहराना पड़ा। भाजपा आरएसएस व उनके पुरखों ने रामलीला मैदान में महात्मा गाँधी जी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी, बाबासाहेब डॉ अंबेडकर जी के पुतले फूँके और भारत के संविधान की प्रतियाँ जलाएँ थी। मैं उनको चैलेंगज करता हूँ कि इतिहास पढ़ें और बताएं कि राष्ट्रीय आंदोलन में उनकी क्या भूमिका थी।”