नयी दिल्ली 20 जनवरी (वार्ता) सरकार गणतंत्र दिवस समारोह के सैन्य स्वरूप को बनाये रखते हुए इसमें सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी बढावा दे रही है।
रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने सोमवार को यहां 76 वें गणतंत्र दिवस समारोह के बारे में जानकारी देने के लिए बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन में कहा कि परेड के शुरू में तीन सौ कलाकार अलग अलग वाद्य यंत्रों और ढोल नगाड़ों के साथ नृत्य और संगीत प्रस्तुति देंगे।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह के सैन्य स्वरूप को बरकरार रखते हुए इसमें सांस्कृतिक और सामाजिक भागीदारी बढायी जा रही है। इसको ध्यान में रखते हुए इस बार सांस्कृतिक कलाकारों की संख्या बढाकर पांच हजार की गयी है। ये सभी पांच हजार कलाकार कर्तव्य पथ पर एक साथ अपनी प्रस्तुति पेश करेंगे। इसका एक फायदा यह होगा कि सलामी मंच के सामने बैठे दर्शकों के साथ साथ अन्य दीर्घाओं में बैठे दर्शक भी इन कार्यक्रमों को देख पायेंगे।
सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि परेड में हिस्सा लेने वाले सैन्य उपकरणों तथा प्लेटफार्म में से ज्यादातर स्वदेशी होंगे लेकिन स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस और स्वदेशी उन्नत हल्का हेलिकॉप्टर ध्रुव इसमें शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि ध्रुव हेलिकॉप्टरों का समूचा बेड़ा अभी ग्राउंडेड है यानि उनकी उडान पर रोक लगी हुई है। उन्होंने कहा कि देश में ही बनी प्रलय बेलिस्टिक मिसाइल इस बार की परेड का मुख्य आकर्षण होगी।
श्री सिंह ने कहा कि इस बार की परेड में 18 मार्चिंग दस्ते, 15 बैंड और 31 झांकियां शामिल हो रही हैं। इनमें से 16 झांकी विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की तथा 15 अलग अलग विभागों तथा मंत्रालयों की होंगी। परेड की अवधि करीब डेढ घंटे की होगी और यह सुबह साढे दस बजे शुरू होकर 12 बजे संपन्न होगी। परेड के लिए देश के अलग अलग हिस्सों से समाज के स्तर और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में उल्लेखनीय कार्य करने वाले दस हजार विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया है।
उन्होंने कहा कि कर्तव्य पथ पर करीब 75 हजार लोग गणतंत्र दिवस परेड को देखेंगे इनमें से 20 हजार से अधिक लोगों ने टिकट खरीदा है जबकि बाकी अन्य को किसी न किसी श्रेणी में आमंत्रित किया गया है।
परेड देखने वाले लोगों के लिए कनाट प्लेस और जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में पार्क एंड राइड की सुविधा की गयी है। दर्शक इन स्थानों पर अपने वाहन खड़े करने के बाद वहां से विशेष बसों में बैठक कर्तव्य पथ पहुंच सकते हैं।