मार्च 2021 में भाजपा के पूर्व विधायक लगा चुके हैं 200 करोड़ के घोटाले का आरोप, लोकायुक्त उज्जैन कर रहा मामले की जांच
(संजय जैन) सुसनेर,20 अप्रैल. 11अक्टूबर 2017 को तत्कालीन सरकार ने कुंडालियां बांध के पुनर्वास पैकेज के तौर पर 918 करोड़ की घोषणा की थी. लेकिन पैकेज की इस राशि में जमकर गड़बडिय़ा की गई. पैकेज की इस राशि से डूब में आने वाले मकान मालिकों के व्यस्क पुत्रों को 5 लाख रुपए राशि देने का प्रावधान किया गया.
इस राशि को पाने के लिए ही कुंडालिया बांध की डूब परियोजना में आने वाले ग्राम पिपलिया, ढाबला सोनगरा, रोजड़ी पटना, भीलखेड़ी, भण्डावद, गोयल, गडिय़ा, मेहंदी, गोकुलपुर सहित कुल 24 ग्राम में मकान मालिकों ने जिम्मेदारों से सांठ गांठ कर फर्जी दस्तावेज जिसमें फर्जी अंकसूची व मतदाता परिचय पत्र शामिल है के आधार पर करीब एक हजार से भी अधिक नाबालिगों को बालिग बताकर मुआवजा राशि हड़पी. इस संबंध में नलखेड़ा के तत्कालीन तहसीलदार द्वारा अप्रैल मई 2018 में कुंडालिया बांध परियोजना के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री को एक पत्र भेजा था, जिसमें इस बात का उल्लेख किया गया था कि मतदाता परिचय पत्र किसी की उम्र या जन्म तारीख का प्रामाणिक दस्तावेज नहीं माना जा सकता है. इन ग्रामों में वर्ष 2018 में अप्रैल से अक्टूबर के बीच ये फर्जी मतदाता परिचय पत्र फर्जी अंकसूचियों के जरिए बनाए गए. मार्च 2021 में एक पूर्व विधायक ने पत्रकार वार्ता में कुंडालिया बांध डूब भूमि मुआवजा वितरण में 200 करोड़ से भी ज्यादा का आरोप लगाया था. डूब भूमि में जो घर आए हंै उन घर के सदस्य गलत आधार कार्ड व फर्जी वोटर आईडी कार्ड बनाकर मुआवजा हासिल किया. जो नाबालिग थे उनके आधार कार्ड और वोटर आईडी संशोधन कराकर गड़बडिय़ां की गई. दलाल मुआवजे से वंचित डूब प्रभावितों के घर जाते तथा उनसे मुआवजे की एवज में बड़ी राशि वसूलते. इसके अलावा जो ग्रामीण डूब क्षेत्र के निवासी नहीं थे उनके आधार कार्ड अपडेट करवाकर उन्हें डूब क्षेत्र का निवासी बनाकर मुआवजे के नाम पर खेल खेला गया है.
ऐसे उजागर हुआ था मामला…
ग्राम भण्डावद में जब 117 हितग्राहियों के खाते की जांच हुई तो यह गड़बड़ी उजागर हुई. इन 117 में से 80 से 90 प्रतिशत मुआवज़ा पाने वालों के दस्तावेज फर्जी पाए गए. इन खातों में 5 करोड़ 85 लाख की राशि डाली गई थी. इस राशि के आहरण पर जिला कलेक्टर ने रोक लगाकर राशि की वसूली के आदेश भी दिए थे. किंतु 16 अप्रैल तक एक करोड़ की ही वसूली हो पाई थी. इस मामले की जांच में दो एसडीएम भी लोकायुक्त की जांच के दायरे में है. वहीं इस मामले में भण्डावद के हल्का पटवारी मदनलाल सूर्यवंशी को निलंबित भी कर दिया गया है. इस पूरे फर्जीवाड़े के खेल में नलखेडा तहसील के कई बड़े जिम्मेदार अधिकारी शामिल है. इन अधिकारियों ने अपने चहेते दलालों के जरिए बड़े पैमाने पर राशि हड़पी है. जिला कलेक्टर द्वारा मामले की जांच की ही जा रही है. लेकिन अब लोकायुक्त के द्वारा भी इसकी जांच शुरु कर दिए जाने से घोटाले का सच सामने आने की उम्मीद बढ़ गई है.
इनका कहना है
शिकायत के सत्यापन के लिए कर्मचारियों अधिकारियों को नोटिस जारी किए गए है. कुंडालिया बांध के मुआवजा वितरण में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी. जिसका सत्यापन करने के लिए अधिकारियों कर्मचारियों को दस्तावेजों के साथ बुलाया जा रहा है.
– राजेश पाठक, डीएसपी लोकायुक्त शाखा उज्जैन