बेंगलुरु, (वार्ता) इसरो के नए प्रमुख वी नारायणन ने शुक्रवार को कहा कि असाधारण समर्पण और तकनीकी प्रतिभा के उल्लेखनीय प्रमाण में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पिछले 15 दिनों के अथक प्रयास में दो स्पेडएक्स उपग्रहों, एसडीएक्स-01 और एसडीएक्स-02 को सफलतापूर्वक डॉक करके एक ऐतिहासिक मील का पत्थर प्राप्त किया है।
वी नारायणन ने सफलता के बाद अपनी टीम को संबोधित करते हुए हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि “सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, आप में से प्रत्येक को मेरी हार्दिक बधाई। आप (इसरो वैज्ञानिक) हमारे देश का गौरव हैं। आज, हमने एक उल्लेखनीय मील का पत्थर प्राप्त किया। मिशन ने उपग्रह को केवल 30 मिनट और 13 सेकंड के भीतर 28,400 किमी/ घंटा के वेग के साथ आवश्यक कक्षा में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। यह वास्तव में उत्कृष्ट समर्पण और उत्कृष्टता के पिछले 15 दिनों का एक वसीयतनामा है।
उन्होंने कहा कि एसडीएक्स-01 और एसडीएक्स-02 का डॉकिंग भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है, जिसने असाधारण सटीकता एवं तकनीकी कौशल का प्रदर्शन किया है, एक उपलब्धि जो ग्राउंडब्रेकिंग और नवाचार के लिए इसरो की प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करता है।
नारायणन ने इस उपलब्धि के व्यापक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “आज न केवल हमारे लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इस सफलता ने हमें चंद्रयान-4 और अन्य चंद्र अन्वेषणों सहित हमारे भविष्य के मिशनों के लिए एक मजबूत नींव प्रदान की है। आइए हम बड़े सपने देखें और अंतरिक्ष में डॉकिंग जैसी सफलताओं को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करें। हमने मिलकर इस सपने को साकार किया है। एक बार फिर बधाई।”
हालांकि भारत की प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसी ने 16 जनवरी को स्पैडेक्स मिशन पूरा कर लिया था, इसरो ने शुक्रवार को एक जश्न मनाने वाला वीडियो साझा किया, जिसमें इस सफलता के लिए किए गए प्रयासों और समर्पण को दर्शाया गया।
यह उपलब्धि इसरो की तकनीकी प्रगति की यात्रा में एक और कदम आगे है, जो महत्वाकांक्षी भविष्य के मिशनों के लिए मंच तैयार करती है। यह न केवल अंतरिक्ष अन्वेषण में एक नेता के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करता है, बल्कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के लगातार विकसित क्षेत्र में जटिल चुनौतियों का सामना करने की राष्ट्र की क्षमता में विश्वास को भी दर्शाता है।