इंदौर: नगर निगम स्मार्ट सिटी ने एमओजी लाइन के तीन प्लाट बेचने की कार्रवाई कर ली है. इससे स्मार्ट सिटी को चलाने फंड की व्यवस्था होगी. खरीददार पांच साल तक स्मार्ट सिटी और नगर निगम को तय शर्त के अनुसार हर साल पांच-पांच करोड़ रुपए का भुगतान करेंगे.स्मार्ट सिटी प्रबंधन ने पिछले दिनों एम.ओ.जी. लाइन के प्लॉट विक्रय के टेंडर जारी किए थे. इसके तहत 3 , 4 और 11 नंबर प्लॉट टेंडर जारी किए थे. उक्त प्लॉट 2 दो हजार से 35 सौ वर्गमीटर के बताएं जाते है. इसमें प्लॉट नंबर 5 का टेंडर फिलहाल निरस्त कर रोक लिया है. स्मार्ट सिटी ने टेंडर में शर्त रखी थी कि खरीददार को हर साल जितनी राशि का टेंडर भरा है , उसके अनुसार पांच साल में भुगतान करना है.
जिन तीन प्लांटो के टेंडर आए हैं, उनमें 3, 4 और 11 नंबर के प्लाट बिक चुके है. उक्त प्लॉट क्रमशः 21 , 29 और 33 करोड़ रुपए के टेंडर स्वीकार किए है. तीनों प्लाटों के खरीददारों ने राय शर्त के अनुसार 5-5 करोड़ रुपए की राशि जमा कर दी है. ध्यान रहे कि केंद्र सरकार ने शहरों के विकास हेतु स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट लांच किया था. शहर में स्मार्ट सिटी का अपना कोई फंडिंग सिस्टम नहीं है. नगर निगम ने स्मार्ट सिटी के तहत शहर की एमओजी लाइन विकसित करने की योजना बनाई थी. इस कारण एमओजी लाइन में बने पुराने सरकारी आवासों को तोड़कर नए बनाने का प्रावधान किया था. उसी प्रक्रिया के लिए एमओजी लाइन के प्लॉट बेचे है.
प्रथम भुगतान आया
स्मार्ट सिटी सीईओ दिव्यांक सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि उक्त प्लॉट पर रेजिडेंशियल या कमर्शियल दोनों प्रोजेक्ट बन सकते है. खरीददार को पांच साल में भुगतान करने की शर्त पर आवंटन किया है. शर्त अनुसार तीनों प्लॉट का प्रथम भुगतान आ गया है.
380 करोड़ के प्लॉट का टेंडर जारी
शहर के पश्चिम क्षेत्र में कुक्कुट पालन केंद्र की 6.8 हेक्टेयर जमीन का टेंडर स्मार्ट सिटी ने जारी कर दिया है. उक्त प्लॉट की न्यूनतम कीमत 380 करोड़ रुपए रखी है. साथ ही प्लॉट की राशिवका भुगतान समय भी दो साल रखा है. स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को कुक्कुट पालन केंद्र वाला प्लाट 450 करोड़ रुपए में बिकने का अंदेशा है.