नियमों के विपरीत शासन को ठेंगा दिखा कर हुआ आयोजन
इंदौर. शहर में राजबाड़ा के पास स्थित गोपाल मंदिर में आस्था को दरकिनार कर शादी का आयोजन किया गया. वर्षों पुराने किरायेदारों को बेदखल करने वाले इस मंदिर को अब आय का साधन बनाते हुए किराये पर दे दिया गया.राधा-कृष्ण की प्रतिमा के सामने शादी का मंडप बनाया गया था,जहां भक्त बैठते हैं. आयोजन की अनुमति से प्रशासनिक अधिकारी इनकार कर रहे हैं. मंदिर में दो दिनों से चल रही सजावट की किसी को खबर नहीं हुई. पुजारियों और भक्तों ने विरोध किया. इसके बावजूद परिवार ने अनुमति का हवाला देकर मंदिर परिसर को दो दिन तक अपने कब्जे रखा.
पूर्ण परिसर को सजाया मंडप की तरह
मंदिर प्रबंधन ने एक लाख रुपए की रसीद काटकर परिवार को अनुमति दी थी. रसीद राजकुमार अग्रवाल के नाम से कटी गई. मंदिर प्रबंधन समिति और उसकी सील लगी हुई है. शादी के लिए मंदिर परिसर में बारातियों के लिए भोजन व्यवस्था और रेड कारपेट तक बिछाए गए. मंदिर के पास इमामबाड़ा का रास्ता बंद कर दिया गया. राजबाड़ा तरफ बाउंसर लगाकर शाही आयोजन किया गया और किसी को मंदिर में नहीं जाने दिया गया.
परिवार ने केवल आशीर्वाद लेने की बात कही थीः मंदिर प्रबंधन
प्रशासन ने ऐसे आयोजनों के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया है. जब मंदिर प्रबंधन से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि शादी करने वाले परिवार ने केवल भगवान का आशीर्वाद लेने और प्रसादी बांटने की बात कही थी. हालांकि, अनुमति मिलने के बाद पूरे परिसर को बड़े आयोजन के लिए तैयार कर दिया गया.
मंदिर के मैनेजर ने दी सफाई
मीडिया के पहुंचते ही मंदिर के मैनेजर ने सफाई देते हुए कहा कि उन्हें अंदाजा नहीं था कि इतना बड़ा आयोजन होगा. उन्होंने स्वीकार किया कि स्टेज, डीजे और अन्य व्यवस्थाएं उनकी आंखों के सामने की गईं, लेकिन उन्होंने रोकने की कोशिश नहीं की.
बिना आदेश के किसने दी अनुमति
गोपाल मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन आता है, जहां इस तरह के आयोजनों की अनुमति नहीं दी जा सकती. सवाल यह है कि बिना प्रशासनिक आदेश के इतनी बड़ी शादी की अनुमति किसने दी? फिलहाल, वरिष्ठ अधिकारियों को इस मामले की जानकारी दी गई है और अब कार्रवाई का इंतजार है.
स्मार्ट सिटी का कोई हस्तक्षेप नहीं
स्मार्ट सिटी सीईओ दिव्यांक सिंह ने कहा कि मेरी जानकारी में मंदिर समिति है, जिसके अंतर्गत 24 मंदिर आते है. मंदिर समिति ने ही अनुमति दी है. स्मार्ट सिटी का कोई हस्तक्षेप नहीं है.
करोड़ों खर्च कर पुराना अस्तित्व लौटाया है शासन ने
नगर निगम ने स्मार्ट सिटी के अंतर्गत करोड़ों रुपए खर्च कर मंदिर का पुराना अस्तित्व लौटाया है. किराएदार खाली करवाए है. पुराना वैभव लौटने के लिए स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने आसपास का क्षेत्र अतिक्रमण मुक्त किया है.
कमिश्नर ने दिए जांच के आदेश
संभागायुक्त दीपक सिंह ने गोपाल मंदिर में विवाह कार्यक्रम आयोजित किए जाने की घटना का संज्ञान लिया है. इस आशय की जानकारी मिलने पर कलेक्टर इंदौर आशीष सिंह को निर्देशित किया है कि वे इस घटना की जाँच कराएं. जाँच एडीएम स्तर के किसी अधिकारी से कराई जाए. कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा अपर कलेक्टर ज्योति शर्मा को इस संबंध में जाँच करने के लिए आदेशित कर दिया गया है
