यादव ने युवाओं से देश को विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान देने का किया अनुरोध

भोपाल, 12 जनवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने युवाओं से अपनी क्षमता, योग्यता और परिश्रम के जरिए वर्ष 2047 तक भारत को ‘विकसित राष्ट्र’ बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में अपना योगदान सुनिश्चित करने का आह्वान किया।

डॉ यादव आज यहां स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह के दौरान स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन की शुरूआत कर रहे थे। कार्यक्रम में प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, अनेक मंत्री, जनप्रतिनिधि, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलगुरू और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एवं युवा उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि युवा, हमेशा से ही देश और समाज को समर्पित रहे हैं। अंग्रेजों के विरुद्ध स्वतंत्रता संग्राम हो या अन्य आक्रांताओं के विरोध के समय, युवाओं ने आवश्यकता होने पर देश और समाज के लिए अपने प्राणों की आहुति देकर धर्म, संस्कृति और जीवन मूल्यों को सुरक्षित रखा है। वर्तमान समय भारत को विश्व में विकसित देश के रूप में स्थापित करने का समय है। यह सौभाग्य की बात है कि देश को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नेतृत्व और मार्गदर्शन प्राप्त है।

उन्होंने आह्वान किया कि युवा अपनी क्षमता, योग्यता और परिश्रम से वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के प्रति समर्पित भाव से अपनी-अपनी विधाओं के क्षेत्र में हरसंभव योगदान दें। प्रधानमंत्री श्री मोदी के ध्येय वाक्य “ज्ञान पर ध्यान” के अंतर्गत गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। देश की प्रगति के लिए युवाओं की ऊर्जा को रचनात्मक दिशा देने के उद्देश्य से ही प्रदेश में स्वामी विवेकानंद जयंती-राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर ‘स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन’ आरंभ किया गया है।

डॉ यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर और स्वामी विवेकानंद के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरूआत की। उन्होंने ‘आत्म दीपो भव:- संवाद, सामर्थ्य, समृद्धि’ के मिशन के वाक्य पर आधारित युवा शक्ति मिशन के ‘लोगो’ का अनावरण किया। उन्होंने युवाओं को कौशलयुक्त और आत्मनिर्भर बनने तथा अपने जीवन रूपी दीपक को प्रज्ज्वलित कर समाज का पथ प्रदर्शन करने की शपथ दिलाई। उन्होंने मिशन के ‘थीम साँग’ तथा युवाओं को विभिन्न विभागों की जानकारियां प्रदान करने के उद्देश्य से विकसित ‘युवा पोर्टल’ भी लोकार्पित किया। साथ ही युवा वर्ग के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा और उच्च शिक्षा विभाग की अोर से संयुक्त रूप से विकसित ‘उमंग वेलनेस’ कार्यक्रम की शुरूआत की।

मुख्यमंत्री के समक्ष ‘ग्लोबल स्किल पार्क’ और ‘ट्राइडेंट कम्पनी’ के मध्य युवाओं के कौशल उन्नयन और औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के लिए समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान हुआ। मुख्यमंत्री ने ‘यूएन विमेन’ की ओर से संचालित ‘वी-स्टेम’ परियोजना के अंतर्गत शासकीय महिला आईटीआई बैतूल तथा अन्य संस्थाओं में विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण प्राप्त प्रदेश के जनजातीय बहुल जिलों की बालिकाओं को प्रोत्साहन पत्र प्रदान किए।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि विश्व का सबसे युवा देश भारत है और हम सभी प्रश्नों के समाधान अपनी क्षमता और योग्यता के आधार पर करने में सक्षम है। मध्यप्रदेश में ही डेढ़ करोड़ से अधिक युवा शक्ति है। उनसे संवाद कर उनकी रुचि और योग्यता के अनुरूप उनके भविष्य और प्रगति के लिए राज्य सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग प्रदान किया जाएगा। समस्त 54 विभागों में संचालित युवाओं के हित और उनसे संबंधित योजनाओं और कार्यक्रमों में समन्वय करते हुए युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, उनकी क्षमता संवर्धन के लिए उद्यमिता में प्रशिक्षण उपलब्ध कराकर उन्हें स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाना तथा युवाओं की ऊर्जा का देश और प्रदेश हित में उपयोग सुनिश्चित करना युवा शक्ति मिशन का उद्देश्य है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान युग में कौशल उन्नयन और इस क्षेत्र में प्रशिक्षण का विशेष महत्व है। शासकीय सेवा या निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने के साथ उद्यमिता विकास के लिए कार्य करते हुए युवाओं को ‘नौकरी करने वाला नहीं, नौकरी देने वाला’ बनाया जाएगा। मिशन के अंतर्गत युवाओं के जीवन को खुशहाल, समृद्धशाली बनाने के लिए लक्ष्य निर्धारित कर समय-सीमा में उनकी प्राप्ति के लिए रोडमैप भी बनाया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2030 तक प्रदेश के 70 प्रतिशत से अधिक युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास होगा। शिक्षा, रोजगार के साथ व्यक्तित्व विकास और बेहतर जीवन का भी आधार है। मिशन का लक्ष्य रखा गया है कि प्रदेश का प्रत्येक युवा वर्ष 2028 तक कक्षा 10वीं तथा वर्ष 2030 तक कक्षा 12 के स्तर तक शिक्षा पूरी करें। युवाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपनी रुचि अनुसार उद्यमिता और रोजगार के लिए अन्य क्षेत्रों में प्रशिक्षण और मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा।

मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचारों ने ऐतिहासिक रूप से भारतीय धर्म, दर्शन और संस्कृति की प्रतिष्ठा वैश्विक स्तर पर स्थापित करने के साथ देश के युवाओं को निराशा के समय में भी प्रेरित किया है। स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन के सृजन में राज्य शासन के साथ विभिन्न हितधारकों के दृष्टिकोण को समाहित किया गया है। विकास और सशक्तिकरण के उद्देश्य से स्थापित मिशन, युवाओं में आत्मविश्वास-उद्यमिता-शिक्षा-कौशल-स्वयं के स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता के साथ समाज में सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए भी युवाओं को प्रेरित करेगा।

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