कलेक्ट्रोरेट दफ्तर के बैढ़न के समीप जुड़वा तालाब में स्थापित वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा का मंत्री नगरीय विकास एवं आवास ने समारोह में किया अनावरण
नवभारत न्यूज
सिंगरौली 11 जनवरी। महाराणा प्रताप की वीरता, शौर्य, त्याग, पराक्रम और दृढ़ प्रण के लिए उनका नाम इतिहास में अमर है। महाराणा प्रताप की वीरता, बलिदान, त्याग के बारे आने वाली पीढ़ी को बताने की जिम्मेदारी हमारी है।
उक्त उद्बोधन म.प्र. शासन के नगरीय विकास एवं आवास संसदीय कार्य विभाग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने आज कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर के समीप स्थिति जुड़वा तालाब में स्थापित वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की चेतक पर सवार प्रतिमा के अनावरण अवसर पर बतौर मुख्य आतिथ्य के आसंदी से जनसमूह को संबोधित देते हुये कही। इस दौरान राज्य मंत्री राधा सिंह, सांसद डॉ. राजेश मिश्र, सिंगरौली विधायक राम निवास शाह, देवसर विधायक राजेन्द्र मेश्राम, महापौर रानी अग्रवाल, नगर निगम अध्यक्ष देवेश पाण्डेय, प्राधिकरण अध्यक्ष दिलीप शाह, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, निगमा युक्त डीके शर्मा, उपायुक्त आरपी बैस, भाजपा जिलाध्यक्ष रामसुमिरन गुप्ता सहित अन्य मौजूद थे। इस अवसर पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय कहा कि आज हम लोगों को हमारी संस्कृति के प्रति पुन: जागरूक होने की आवश्यकता है। हम हमारी धरोहर को अपनी आने वाली पीढ़ी को बताते हैं इससे हमारा देश तरक्की करेगा। उन्होंने कहा कि मै जब भी इतिहास को पढ़ता हू तो लगता है कि अगर महाराणा प्रताप नही होते, शिवाजी महराज नही होते गुरू गोविंद सिंह जी नही होते तो हमारा देश कैसा होता हम इसकी कल्पना नही कर सकते। उन्होने कहा कि जब वीर मेवाड़ी महाराणा प्रताप अपने शत्रुओं के विरुद्ध खड़े होते थे। तब बड़े से बड़े योद्धा भी उनकी एक झलक मात्र से भयभीत हो जाते थे। महाराणा प्रताप ने जंगलो मे रह कर घास की रोटिया खाई लेकिन पराधीनता स्वीकार्य नही कि उन्होंने अपने मातृभूमि की रक्षा करे लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। यह आने वाली पीढ़ी को बताने की जिम्मेदारी हमारी है। मंत्री श्री विजयवर्गीय ने कहा कि हमारे देश के वीर सपूत महाराणा प्रताप के बारे में जगह जगह छोटे-छोटे नारो के माध्यम से उनके वीरता की कहानी, उनके बलिदान के बारे में लिखना चाहिए ताकि हमारे बच्चे आने पीढ़ी उनके वीरता बलिदान के बारे में जान समझ सके। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप ने कभी हार नही मानी अपने अंतिम श्वांस तक वे अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ते रहे। उनकी विजय गाथा को जन जन तक पहुंचाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहना होगा। उन्होंने कहा कि देश के गौरवशाली इतिहास को अंग्रेजो के चटुकार इतिहासकारो ने नही लिखा। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इतिहासकारो को चुनौती दी है कि वे देश के इतिहास को सही ढंग से लिखे। उन्होंने कहा कि अकबर की महनता की गाथा इतहासकारो ने लिखा है। लेकिन महाराणा प्रताप कि वीरगाथा उन्होंने नही लिखी। इस अवसर पर पूर्व विधायक राम लल्लू बैस, पूर्व महापौर प्रेमवती खैरवार, जिला पंचायत उपाध्यक्ष अर्चना सिंह, नगर परिषद बरगवां की अध्यक्ष प्रमिला वर्मा, प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष गिरीश द्विवेदी अन्य समेत मौजूद रहे।
पीएम का संकल्प, बलिदानी की गाथा जन-जन तक पहुंचाना है
मंत्री श्री विजयवर्गीय ने कहा कि मंै आभारी हूॅ अपने देश के प्रधानमंत्री जी का उनका संकल्प है कि भारत के इतिहास में अपना योगदान देने वाले हर एक बलिदानी की गाथा का जन-जन तक पहुंचाया जायेगा। ताकि देशवासी उनको श्रद्धा से याद कर उनके बलिदान के बारे में जान सके। प्रधानमंत्री जी ने बीरबाल दिवस मनाने की जो शुरूआत की है उसके लिए मैं हृदय से धन्यवाद देता हॅू। समारोह में मंत्री श्री विजयवर्गीय ने जुड़वा तालाब पार्क का नाम वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप पार्क करने की घोषणा की।
21 दिव्यांग अभ्यार्थियों को सौंपा नियुक्ति पत्र
वही इस अवसर पर नगरीय एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, विधायक रामनिवास शाह, मेयर, ननि अध्यक्ष के द्वारा दिव्यांगो के लिए नगर पालिक निगम सिंगरौली द्वारा आयोजित विशेष भर्ती अभियान के तहत नगर निगम में चयनित 21 दिव्यांग अभ्यार्थियों को नगरीय विकास मंत्री के द्वारा नियुक्ति पत्र सौपा गया। इस दौरान ननि आयुक्त डीके शर्मा सहित अन्य मौजूद थे।