सरई :जनपद पंचायत क्षेत्र देवसर के ग्राम पंचायत झारा अंतर्गत गोपद नदी क सुरसराई घाट पर मकर संक्राति के अवसर पर 15 दिनों तक लगने वाले मेला के लिए पंचायत के द्वारा बुलाई गई नीलामी में व्यापक पैमाने पर गड़बड़झाला करने का आरोप। तीरथ प्रसाद जायसवाल ने लगाते हुये एसडीएम के यहां शिकायत किया है।शिकायत पत्र में पंचायत के सचिव के भूमिका पर भी बड़ा सवाल खड़ा किया है। शिकायत कर्ता तीरथ प्रसाद जायसवाल का आरोप है कि झारा पंचायत के सचिव ने मेला के लिए आयोजित बोली में सरकार के द्वारा बनाये गये नियम-कानून का पालन नही किया गया है।
नियमानुसार बाजार की बोली नीलामी के लिए स्थानीय समाचार पत्रों में सूचना प्रकाशित करानी चाहिए और कम से कम 13 दिन का समय निर्धारित है। किन्तु ऐसा नही किया गया। पंचायत के सचिव के साथ-साथ सरपंच ने अपने चहते को बाजार का ठेका दिलाने के लिए कायदे कानून को नजर अंदाज कर अंतत: बोली के समय हर आधे घंटे में इधर-उधर परिवर्तन करने लगे। शिकायत कर्ता का आरोप है कि सरपंच-सचिव ने अपने चहेतो को बाजार का ठेका दिलाया है। जिसमें लाखों का वारा-न्यारा होगा। शिकायत कर्ता ने एसडीएम से उक्त बाजार की नीलामी निरस्त कराने की मांग की है। हालांकि एसडीएम ने उक्त मामले को गंभीरता से लिया है। पंचायत के सरपंच-सचिव को समस्त दस्तावेज के साथ उप खण्ड कार्यालय में उपस्थित होने के लिए भी निर्देश जारी किया जा चुका है।
मेले के आड़ में लाखों का होता है वारा-न्यारा
जानकारी के मुताबिक सुरसराई गोपद नदी घाट पर मकर संक्राति पर्व के अवसर पर 15 दिनों तक विशाल मेला लगता है। जहां हजारों की संख्या में व्यापारी शामिल होते हैं। जहां बैठकी के नाम पर व्यापारियों से भारी वसूली की जाती है। हालांकि राज्य सरकार ने नगरीय क्षेत्र में बाजार बैठकी वसूली पर रोक लगा दी है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापारियों से बाजार बैठकी वसूली की जा रही है। वही शिकायत कर्ता का आरोप है कि सरपंच-सचिव के सांठगांठ से अपने चहेते ठेकेदार को बाजार बैठकी वसूली का कार्य दिलाने में अहम भूमिका निभाया है।