एनजीटी अपने आदेशों एवं निर्देशों में कर रहा है इंदौर मॉडल का उल्लेख
एनजीटी की प्रिंसिपल बेंच के सदस्य डॉ. अफरोज अहमद की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक
इंदौर. इंदौर पर्यावरण संरक्षण एवं सुधार, वायु गुणवत्ता में सुधार और जल संचयन के क्षेत्र में देश का मॉडल शहर है। इस दिशा में यहां विगत कई वर्षों से अनेक उल्लेखनीय कार्य और नवाचार हो रहे हैं। यह शहर अपने कार्यों से एक नया इतिहास रच रहा है। एनजीटी अपने आदेशों एवं निर्देशों में इंदौर मॉडल का उल्लेख भी कर रहा है.
यह बात राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की प्रिंसिपल बेंच के सदस्य डॉ. अफरोज अहमद ने कही. डॉ. अहमद की अध्यक्षता में आज यहां जिला पर्यावरण समिति की बैठक सम्पन्न हुई. बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह, नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन, अपर आयुक्त रोहित सिसोनिया, अपर कलेक्टर गौरव बेनल, ज्योति शर्मा सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे. बैठक को संबोधित करते हुए डॉ. अफरोज अहमद ने कहा कि एनजीटी के निर्देशों के पालन करने में भी इंदौर देश का मॉडल शहर है. इंदौर में मेट्रो लाइन तथा इसकी संरचना के आसपास वाटर रिचार्जिंग के कार्य किया जाना सराहनीय है। उन्होंने कहा कि नई बसने वाली कॉलोनियों में निर्धारित मापदंडों के अनुरूप अनिवार्य रूप से ग्रीन क्षेत्र विकसित कराया जाये.
2025 का जिला एनवायरमेंट प्लान बनाएं
उन्होंने जिला एनवायरमेंट प्लान की समीक्षा भी की. उन्होंने कहा कि इस वर्ष 2025 का जिला एनवायरमेंट प्लान भी शीघ्र तैयार कर लिया जाए. बैठक में इंदौर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में किये जा रहे नवाचारों की जानकारी दी गई. बताया गया कि जिले में प्लास्टिक के उपयोग को प्रतिबंधित करने के लिए चयनित गांवों में बर्तन बैंक की स्थापना की गई है. डॉ. अफरोज ने इस नवाचार का विस्तार करने के निर्देश दिए.
पर्यावरण से जुड़े विषयों पर की चर्चा
इस अवसर पर बताया गया कि जिले में नदी, नालों एवं तालाबों में मिलने वाले सीवर आउटफॉल की रोकथाम के लिए टॉस्क फोर्स का गठन किया गया है. वर्षा जल संचयन के लिये गत वर्ष साढ़े आठ हजार घरो में वाटर हार्वेस्टिंग के कार्य किये गए हैं. बैठक में पर्यावरण से जुड़े विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की. बैठक में बताया गया कि इंदौर में वर्षा जल संचयन का कार्यक्रम व्यापक स्तर पर चल रहा है.