जयपुर, 03 जनवरी (वार्ता) राजस्थान में विधानसभान में विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा है कि राजस्थान के किसानों को रबी की फसल के दौरान खाद की भारी किल्लत के चलते भारी संकट का सामना करना पड़ रहा है।
श्री जूली शुक्रवार को यहां जारी बयान में कहा कि राज्य में यूरिया और डीएपी खाद की भारी किल्लत के कारण किसान परेशान हैं और कालाबाजारी ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। साथ ही हाल ही में हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है।
उन्होंने कहा कि रबी की फसल में सिंचाई और खाद की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, लेकिन राज्य में किसानों को यूरिया और डीएपी जैसे आवश्यक उर्वरक उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। खाद की कमी के कारण किसान अपनी फसलों को समय पर पोषण नहीं दे पा रहे हैं, जिससे उनकी फसलें बर्बाद होने के कगार पर हैं। जूली ने अवैध रूप से कालाबाजारी कर रहे डीलरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि बाजार में कालाबाजारी बढ़ रही है और सरकार इस पर काबू पाने में नाकाम साबित हो रही है।
श्री जूली ने कहा कि हाल ही में हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि के कारण राज्य के कई जिलों में किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है और किसानों को राहत प्रदान करना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए। उन्होंने मांग कि किसानों को तत्काल मुआवजा दिया जाए और उनके आर्थिक हालात सुधारने के लिए विशेष राहत राशि की घोषणा की जाए।
श्री जूली ने भाजपा सरकार पर किसानों के हितों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार न तो खाद की उपलब्धता सुनिश्चित कर पा रही है और न ही फसल नुकसान का उचित मुआवजा दे रही है। उन्होंने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा करना राज्य सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है, लेकिन भाजपा सरकार इस जिम्मेदारी को निभाने में पूरी तरह विफल साबित हो रही है।
श्री जूली ने कहा कि कांग्रेस हमेशा किसानों के साथ खड़ी रही है और आगे भी उनकी समस्याओं को लेकर संघर्ष करती रहेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो कांग्रेस इसके खिलाफ व्यापक आंदोलन करेगी।
श्री जूली ने कहा कि यदि राज्य सरकार ने खाद की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं की और फसल नुकसान का मुआवजा नहीं दिया, तो कांग्रेस इसे किसानों के साथ अन्याय मानते हुए सड़कों पर उतरेगी। उन्होंने कहा कि किसानों के मुद्दे पर किसी भी तरह की राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी।