कड़ाके की ठंड में भी कम नहीं हुई आस्था

नए साल पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा

 

 

उज्जैन। नववर्ष के प्रथम दिन 12 ज्योतिर्लिंगों में विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी में घने कोहरे और कड़ाके की ठंड के बीच आस्था कम नहीं हुई। लाखों की संख्या में श्रद्धालु महाकाल दर्शन करने के लिए पहुंचे थे।

कोरोना काल के बाद महाकाल मंदिर का विस्तारीकरण होने के साथ महाकाल लोक का लोकार्पण होने पर धार्मिक नगरी में आस्था का सैलाब लगातार उमड़ रहा है। वर्ष 2025 के आगाज से पहले ही देश भर के श्रद्धालुओं का उज्जैन पहुंचाना शुरू हो गया था। नव वर्ष की सुबह घने कोहरे और कड़ाके की ठंड के बीच हुई। बावजूद बाबा महाकाल के दर्शन करने वालों की आस्था में कमी नहीं दिखाई दी। तड़के 4 बजे होने वाली भस्म आरती में शामिल होने के लिए रात 3 बजे से ही श्रद्धालु मंदिर पहुंचना शुरू हो गए थे। घना कोहरा होने पर 50 मीटर दूर का दिखाई नहीं दे रहा था बावजूद श्रद्धालुओं का सैलाब मंदिर की ओर कदम बढ़ा रहा था। महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन हो इसकी व्यवस्था की गई थी वहीं भस्म आरती में भी चलित दर्शन व्यवस्था को लागू रखा गया था। तड़के 4 बजे शुरू हुए बाबा महाकाल के निराकार स्वरूप से लेकर अद्भुत पांच स्वरूपों में दिनभर दर्शनों का सिलसिला जारी रहा। रात 11 बजे शयन आरती के बाद महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ कम हुई।

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