
नवभारत
बागली। प्राचीन तीर्थ स्थल जटाशंकर में कई वर्षों से विराजित प्राचीन शिवलिंग प्रतिमा जहां पर गोमुख जलधारा द्वारा अविरल अभिषेक होता है। यहां पर वर्तमान में फर्श निर्माण और नवीनीकरण के चलते प्राचीन शिवलिंग से जलाधारी को पृथक करते हुए निर्माणकार्य जारी है। इसके चलते प्राचीन और दुर्लभ शिवलिंग के दर्शन नव वर्ष उपलक्ष्य पर श्रद्धालुओं को हुए श्रद्धालु यह प्राकृतिक दृश्य देखकर भाव विभोर होकर यह कहते हुए नजर आए की नव वर्ष के प्रथम दिन भगवान भोलेनाथ के साक्षात दर्शन उन्हें मिल चुके हैं। जटाशंकर सेवा समिति से जुड़े सदस्य लक्ष्मी नारायण यादव ने बताया कि 50 वर्ष पूर्व नगर के ही स्वर्ण कारीगर द्वारा पीतल की जलधारी का निर्माण किया था जिसे यहां मंत्र उच्च के साथ स्थापित किया था। उसके बाद से सार्वजनिक रूप में वास्तविक शिवलिंग के दर्शन अब हो रहे हैं ।नव वर्ष अवसर पर बड़ी मात्रा में दूर-दूर से यहां श्रद्धालु नव वर्ष आगमन की धार्मिक पार्टी मनाने आए सुबह से शाम तक 20 से अधिक परिवार यहां पर भोजन प्रसादी बनाकर प्रसाद लेकर अपने-अपने घर पहुंचे 100 से अधिक परिजन घर से ही भजन लेकर आए और यहां पर भोजन किया नववर्ष में क्षेत्रीय श्रद्धालुओं की संख्या भी बहुत रही। जानकार बताते हैं कि अभी तक तीन बार अलग-अलग प्रकार की जला धारियों का निर्माण हो चुका है। वर्तमान में पीतल से निर्मित जलधारी यहां पर रखी हुई है।
