भोपाल:राजधानी के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने जघन्य एवं सनसनीखेज हत्या के मामले में पत्नी और सौतेले बेटे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस मामले में शासन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक सुधाविजय सिंह भदौरिया और आकिल अहमद खान ने पैरवी की थी. जानकारी के अनुसार मालीखेड़ी छोला मंदिर निवासी अमरसिंह विश्वकर्मा शासकीय हमीदिया अस्पताल में वाहन चालक थे. उनकी पत्नी का निधन हो चुका है, जबकि दोनों बच्चियों की शादी हो चुकी है. उसके बाद अमर सिंह ने शांति कुशवाह नामक महिला से शादी कर ली थी.
शांति के पति की मौत हो चुकी थी, जिसके बाद वह अमर सिंह के साथ अपने दो बेटों के साथ रहती थी. बीती 31 मई 2022 को मालीखेड़ी, मेनरोड पुलिया के पास सड़क किनारे अमरसिंह की लाश बरामद हुई थी. उनके मुंह, सिर और शरीर पर धारदार हथियार और पत्थर से हमला करने के निशान थे. पत्नी और सौतेले बेटे ने की थी हत्या पहले तो परिवार वाले पुलिस को गुमराह करते रहे, लेकिन पुलिस ने जब मृतक की पत्नी शांति कुशवाहा और सौतेले बेटे शिवराज कुशवाह से कड़ाई से पूछताछ की तो दोनों ने अमर सिंह की हत्या करना स्वीकार कर लिया. दरअसल दोनों अमर सिंह पर अपनी संपत्ति और नौकरी से मिलने वाला फंड अपने नाम पर करने का दबाव बना रहे थे.
वह चाहते थे कि उसकी पहली पत्नी की पुत्रियों को कुछ न मिले, लेकिन अमर सिंह ने ऐसा करने से इंकार कर दिया था. डीएनए रिपोर्ट से सिद्ध हुआ दोष योजना के अनुसार मां-बेटे ने मिलकर अमर सिंह की हत्या कर दी थी. मामले की जांच के बाद पुलिस ने न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया. विचारण के दौरान पैरवीकर्ता विशेष लोक अभियोजक ने प्रकरण में जप्तशुदा आर्टीकल्स का डीएनए परीक्षण कराने के बाद रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की, जो कि आरोपीगण को दोषसिद्ध करने का मुख्य आधार बनी. अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य, तर्कों एवं न्यायदृष्टांतों से सहमत होते हुए न्यायालय ने दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.