ग्वालियर जैन समाज के मीडिया प्रभारी ललित जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि राजेश जैन विगत कई दशकों से नगर में विभिन्न धार्मिक व सामांजिक गतिविधियों से सक्रियतापूर्वक जुड़े हुए थे। उनके द्वारा सिरौल चौराहा पर निर्मित साक्षी एंकलेब को विद्याधाम का आकर्षक स्वरूप देकर यहां आर्यिकारत्न का ससंघ चातुर्मास आयोजित करने की संकल्पना को मूर्त रूप देने में उनकी अग्रणी भूमिका थी और वे विगत पांच माह से यहां मां पूर्णमति की भक्ति में लीन होकर चातुर्मास की व्यवस्थाओं में जुटे हुए थे।
वे अपने पीछे दो बेटी, एक बेटे सहित भरा पूरा परिवार रोता बिलखता छोड़ गए हैं। उनके परिवार में तीन भाई और दो बहनें हैं। उनकी अंतिम यात्रा उपनगर ग्वालियर स्थित निवास कोटावाला मौहल्ला से प्रारंभ हुई। चार शहर का नाका स्थित मुक्तिधाम पर शहरवासियों ने नम आंखों के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी। विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संगठनों ने उनके असामयिक निधन को शहर व समाज की अपूर्णीय क्षति निरूपित करते हुए उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित की है।