वाशिंगटन/इस्लामाबाद, 20 दिसंबर (वार्ता) अमेरिका ने पाकिस्तान के लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के कार्यक्रम को ‘उभरता हुआ खतरा’ बताया है।
व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पाकिस्तान का अपनी लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल क्षमताओं पर काम करने से अंततः वह न केवल भारतीय उपमहाद्वीप से परे बल्कि भविष्य में संभवतः अमेरिका तक के लक्ष्यों पर हमला कर सकेगा जिसने इसे चिंता का विषय बना दिया है।
अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने यह कहते हुए कि दोनों देश लंबे समय से साझेदार हैं विशेष रूप से ‘आतंकवाद-विरोधी और सुरक्षा’ के मुद्दों पर सवाल उठाया कि क्या देश द्वारा अपनी लंबी दूरी की परमाणु क्षमताओं का विकास केवल भारत के लिए किया जा रहा है या क्या इस्लामाबाद के लिए प्राथमिकताओं में बदलाव किया गया है।
श्री फाइनर ने अमेरिकी थिंक टैंक कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस में अपने संबोधन में कहा कि पाकिस्तान ने लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल प्रणालियों से लेकर उपकरणों तक तेजी से परिष्कृत मिसाइल प्रौद्योगिकी का अनुसरण किया है जो काफी बड़े रॉकेट मोटर्स के परीक्षण को सक्षम करेगा। उन्होंने कहा कि यदि ये रुझान जारी रहे तो पाकिस्तान के पास दक्षिण एशिया से परे अमेरिका सहित लक्ष्यों पर हमला करने की क्षमता होगी जिससे पाकिस्तान के इरादों पर वास्तविक सवाल उठेंगे।
अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का संबोधन अमेरिका द्वारा पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल विकास कार्यक्रम से संबंधित प्रतिबंधों के एक नए दौर की घोषणा के ठीक एक दिन बाद आया जिसमें पहली बार नेशनल डेवलपमेंट कॉम्प्लेक्स (एनडीसी) के खिलाफ प्रतिबंध शामिल हैं। देश की सरकारी एयरोस्पेस और रक्षा एजेंसी जो कार्यक्रम की देखरेख करती है इसने पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों के बीच इस्लामाबाद के प्रति वाशिंगटन के बढ़ते अविश्वास को रेखांकित किया।
अफगानिस्तान से 2021 में अमेरिकी सेना की वापसी और तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संबंध खराब हो गए थे।