नयी दिल्ली, (वार्ता) वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में और कामयाबी हासिल करने के लिए चमड़ा उद्योग को गुणवत्ता के प्रति जागरूक होना चाहिए।
श्री गोयल ने कहा कि भारत का जूता और चमड़ा उद्योग न केवल हमारी अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है बल्कि हमारी कुशल शिल्प कौशल और नवाचार का प्रतीक भी है। यह बातें श्री गोयल यहां चमड़ा निर्यात परिषद (सीएलई) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार -2023-24 के वितरण समारोह में संबोधन के दौरान कही।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ये पुरस्कार हमारे निर्यातकों के समर्पण और भारत को चमड़ा उत्पादों में वैश्विक नेता बनाने के उनके प्रयासों को दर्शाते हैं।
उन्होंने उद्योग से आग्रह किया कि वे स्वस्थ विकास के तत्व को ध्यान में रखते हुए अपने उत्पादन को बढ़ाएं।
उन्होंने कहा कि चमड़ा उद्योग को उचित उपचार संयंत्रों के साथ अपने उत्पादन में शून्य प्रदूषण हासिल करना होगा।
श्री गोयल ने कहा कि बड़े पैमाने के कारोबारके साथ भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता बाकी दुनिया से बेहतर हो सकती है। उन्होंने कहा कि भारत की मांग ही उद्योग को बड़े पैमाने की अर्थव्यवस्था हासिल करने में मदद करेगी।
कार्यक्रम में सीएलई के अध्यक्ष राजेंद्र के जालान ने कहा कि ये पुरस्कार देश के उन निर्यातकों की भावना का जश्न मनाते हैं जिन्होंने चुनौतियों के बावजूद उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।