नयी दिल्ली, (वार्ता) पेप्सिको इंडिया ने कृषि क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत करते हुए कृषि क्षेत्र में भविष्य का आकार दे रही महिलाओं को रेवोल्यूशनारी पुरस्कार से सम्मानित किया है।
भारत भर से दस महिला किसान सम्मानित की गईं, जिन्होंने कृषि क्षेत्र में महिलाओं के नेतृत्व और प्रेरणा देने वाले उदाहरण प्रस्तुत किए। इन महिलाओं का चयन पूरे देश से प्राप्त नामांकनों के मूल्यांकन के बाद किया गया था। इस मूल्यांकन के लिए एक बाहरी जूरी का गठन किया गया था, जिसका नेतृत्व नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद ने किया। जूरी ने पांच श्रेणियों में नामांकनों की समीक्षा की और विजेताओं का चयन किया गया। लिंग भेदभाव को तोड़ना और सर्वोत्तम खेती प्रथाओं को लागू करने के लिए पश्चिम बंगाल की तपसी पाल को स्वर्ण और राजस्थान की संजू योगी को रजत पुरस्कार से नवाजा गया। महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण के लिए तेलंगाना का गणपति स्व सहायता समूह को स्वर्ण और उत्तर प्रदेश का सरयान किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड को रजत पुरस्कार मिला।
सतत कृषि में नवाचार के लिए झारखंड की शिवानी किस्कु को स्वर्ण और गुजरात की मंगुबेन जगा को रजत पुरस्कार प्राप्त हुआ। स्वदेशी खाद्य प्रणालियों का संरक्षण और संवर्धन के लिए महाराष्ट्र की मोनिका मोहिते को स्वर्ण और पश्चिम बंगाल की सुजाता परमानिक को रजत पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया। कृषि में युवा नवप्रवर्तक की श्रेणी में बिहार की सुरभि कुमारी को स्वर्ण और झारखंड की अनिमा ऐंड को रजत पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
कंपनी ने पहली बार यह पुरस्कार शुरू किया है। यह पहली बार ऐसा मंच है, जो कृषि क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है। पेप्सिको इंडिया के ‘पार्टनरशिप ऑफ प्रोग्रेस’ दर्शन के आधार पर, जो सरकारी, साझीदार संगठनों और समुदायों के साथ समावेशी विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, इस कार्यक्रम ने कृषि में महिलाओं के असाधारण योगदान को मान्यता दी और उनका सम्मान किया। इस कार्यक्रम में पेप्सिको इंडिया के रेवोल्यूशनारी एंथम का भी विमोचन किया गया।
पेप्सिको इंडिया और साउथ एशिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जागृत कोटेचा ने कहा, “ हम एक समावेशी भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं जहां महिलाएं बदलाव का नेतृत्व करने के लिए सशक्त हों। हमारे रेवोल्यूशनारी पहल के माध्यम से, जिसका उद्देश्य 2026 तक भारत भर में 10 लाख महिलाओं को सशक्त बनाना है, हम सकारात्मक सामाजिक प्रभाव ला रहे हैं। हम इस पहल के माध्यम से कृषि क्षेत्र में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इन असाधारण महिलाओं की कहानियों को जीवन में लाने पर गर्व महसूस करते हैं।”
द सोशल लैब के सीईओ साहिल अरोरा ने कहा, “हम मानते हैं कि सहयोग के माध्यम से ही सार्थक परिवर्तन हो सकता है। रेवोल्यूशनारी अवार्डस में पेप्सिको के साथ हमारी साझेदारी हमारे साझा उद्देश्य का प्रमाण है, जो कृषि क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें सम्मानित करने में है। ये असाधारण महिलाएं केवल इस उद्योग को ही नहीं बदल रही हैं बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी भविष्य भी आकार दे रही हैं।”