*कांग्रेस को बूथ लेबल तक खत्म करने के दावे पर कड़ी प्रतिक्रिया, टिकट घोषित होते ही समर्थक मनाने लगे जश्न*
ग्वालियर। ग्वालियर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में पूर्व विधायक प्रवीण पाठक के नाम का ऐलान होते ही उनके समर्थक एबी रोड स्थित पाठक के आवास पर जुटने लगे और वहां जश्न का माहौल हो गया. बड़ी संख्या में समर्थक उन्हें फूलमाला पहनाकर खुशी का इज़हार कर रहे थे तो कोई मिठाई बांट रहा था तो कोई ढोल की थाप पर थिरक रहा था.
कांग्रेस द्वारा प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद प्रवीण पाठक ने कहा कि सबसे पहले मैं पार्टी के सभी नेताओं के प्रति आभार जताता हूं, जिन्होंने मुझ पर भरोसा करके एक अदने से कार्यकर्ता को ग्वालियर लोकसभा सीट के लिए पार्टी का प्रत्याशी बनाकर भरोसा जताया. पाठक ने कहा कि इसके लिए हमारी ग्वलियर के सभी कार्यकर्ता और यहां के सभी परिजनों को भी में धन्यवाद देता हूं, जिनके स्नेह और आशीर्वाद के कारण मुझे ये अवसर मिला.
बीजेपी द्वारा कांग्रेस को बूथ लेबल तक खत्म करने के दावे पर कांग्रेस उम्मीदवार ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी का चाल-चरित्र ही ऐसा है कि जो कहते है वह करते नहीं हैं. ये वही बीजेपी है जिसने कहा था कि दो करोड़ रोजगार देंगे, जिसने कहा था कि 15 लाख रुपये खाते में आएंगे, लेकिन एक भी बात पूरी नहीं की. अगर आपके खाते में 15 लाख आ गए होंगे तो हमको बूथ मुक्त भी कर देंगे. पाठक ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी जो वादे करती है, उनको वे पूरे नहीं करती है, यह बात अब जनता समझ चुकी है इसलिये अवाम बदलाव चाहती है.
प्रत्याशी चयन को लेकर पार्टी में कशमकश पर विराम
ग्वालियर लोकसभा में कांग्रेस का चेहरा प्रवीण पाठक को बनाने की पृष्ठभूमि में युवा नेतृत्व व तेज तर्रार छवि के फैक्टर को माना जा रहा है. जातिगत समीकरण भी उनके पक्ष में रहे. प्रवीण का यह तीसरा चुनाव है। इस चुनाव से पूर्व पाठक ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं। पहले ही चुनाव में प्रवीण पाठक 121 वोटों से जीतकर विधानसभा में पहुंचे थे। 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर प्रवीण पाठक में विश्वास जताया था किंतु इस बार उनके हिस्से में हार आई। लंबे समय से कांग्रेस अपने प्रत्याशी का चयन नहीं कर पा रही थी। प्रत्याशी चयन को लेकर पार्टी में कशमकश चल रही थी। अंत में पार्टी ने निर्णय लेकर ग्वालियर से प्रवीण पाठक तथा मुरैना से सत्यपाल उर्फ नीटू सिकरवार को प्रत्याशी बनाया है। पाठक ही एक मात्र ऐसे नेता हैं, जो कुशवाह समाज बाहुलय सीट से एक बार जीत हासिल कर चुके हैं। साथ ही संगठन में उनकी पकड़ मजबूत होने का फायदा भी मिला है। वह पहले ब्राह्मण वर्ग के नेता हैं, जिनको कांग्रेस से लोकसभा के लिए प्रत्याशी बनाया गया है।