धार । भोजशाला में वैज्ञानिक पद्धति से सर्वेक्षण चल रहा है। सर्वे का आज 25वां है। आज 18 अधिकारियों ने 20 मजदूरों के साथ सुबह 8 बजे परिसर में प्रवेश किया। इस दौरान दोनों पक्षकार भी मौजूद रहे।
पिछले दो दिनों से टीम हवनकुंड व इसके आसपास काम कर रही हैं। सोमवार को भी टीम के कुछ सदस्य यहीं पर काम कर रहे हैं। कुंड का शुरुआती तौर पर सर्वे पूरा होने के बाद यहां से भी मिट्टी हटाने का क्रम शुरू होने की उम्मीद है।
अब्दुल समद ने बताया कि कोर्ट के आदेश अनुसार काम चल रहा हैं, मजार के नीचे तहखाना नहीं। बाबा की असली मजार हैं, सांकेतिक रूप से ऊपर सन 1450 के बाद मोहम्मद खिलजी साहब ने आलीशान मकबरा बनवाया। नीचे की और असली मजार हैं, जो लोग नई-नई अफवाह उड़ा रहे हैं। इस प्रकार की चीजों से बचा जाए, बिना सबूत व तथ्यों के कोई बात न करे। इतिहास में सबकुछ मौजूद हैं, ऐसी कोई बात नहीं बोली जाए, जिससे किसी समाज की आस्था को ठेस अब्दुल ने कहा कि दोनों वर्गों से यही निवेदन हैं, एएसआई अपने हिसाब से काम कर रही है। हमारा काम उनका सहयोग करना हैं, ना की उसे और अधिक उलझा देना। उच्चतम न्यायालय के आदेश अनुसार खुदाई बंद हैं, स्क्रीनिंग को लेकर भी आपत्ति दर्ज कराई है। उसका मूल स्वरूप नहीं बदले। स्ट्रेचिंग को कुछ लोग खुदाई का नाम दे रहे हैं, जिसे भी एक से डेढ़ फीट के नीचे नहीं किया जा रहा है तहखाना नहीं, कमरे स्वरूप बना हुआ हैं, टीम के द्वारा सर्वे किया तो उसे देखा। बहुत सारे शिलालेख भी पाए गए हैं, समाज को इससे काफी उम्मीद है।
वहीं आशीष गोयल के अनुसार वैज्ञानिक सर्वेक्षण चल रहा हैं, भीषण गर्मी के बावजूद यहां पर काम चल रहा है। उत्खनन को लेकर एक भांती फैलाई जा रही हैं, उच्चतम न्यायालय
द्वारा जो आदेश दिया गया हैं, उसके ही परिपालन में उत्खनन जारी है। प्रमाण सामने भी आ रहे हैं, न्यायालय के निर्णयों का पालन किया जा रहा है। सर्वे की फोटो व वीडियोग्राफी
की जा रही हैं, फिजिक स्ट्रक्चर को छोड़कर उत्खनन किया जा सकता है। कल एक लिखित में आवेदन दिया गया हैं, कि 50 मीटर के क्षेत्र में सभी विधाओं के अनुसार सर्वे किया जाए।