निर्यात पर नवंबर में पेट्रोलियम का असर, समग्र वार्षिक निर्यात 800 अरब डालर से ऊपर रहेगा: सुनील बर्थवाल

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (वार्ता) देश से पेट्रोलियम उत्पाद साहित वाणिज्यिक वस्तुओं के निर्यात में नवंबर, 2024 में सालाना आधार पर 4.85 प्रतिशत की गिरावट के बावजूद सरकार को विश्वास है कि चालू वित्त वर्ष में मार्च 2025 के अंत तक देश का समग्र वस्तु एवं सेवा निर्यात 800 अरब डालर को अच्छी तरह पार कर जायेगा।

वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि नवंबर में वस्तु निर्यात पर पेट्रोलियम की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट का असर पड़ा है। प्रारंभिक सरकारी आंकड़ों के अुसार अप्रैल-नवंबर 2024 के दौरान संचयी समग्र निर्यात 7.61 प्रतिशत की अनुमानित वृद्धि के साथ 536.25 अरब डॉलर होने का अनुमान है, जबकि अप्रैल-नवंबर 2023 में यह आंकड़ा 498.33 अरब डॉलर था।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रायल द्वारा सोमवार को जारी निर्यात-आयात के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष नवंबर में भारत का वाणिज्यिक वस्तु निर्यात 4.85 प्रतिशत की गिरावट गिर कर 32.11 अरब डालर रहा। वाणिज्यक निर्यात नवंबर,2023 में 33.75 अरब डालर था।

नवंबर में वाणिज्यक वस्तुओं का आयात एक वर्ष पहले के 55.06 अरब डालर से बढ़कर 69.95 अरब डालर पर पहुंच गया। नवंबर, 2024 में स्वर्ण आयात इसकी कीमतों में तीव्र उछाल के बीच भी 14.8 प्रतिशत के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया।

इस दौरान सेवाओं का निर्यात 28.11 अरब डालर की तुलना में 35.67 अरब डालर और सेवा आयात 13.68 अरब डालर की तुलना में बढ़ कर 17.68 अरब डालर रहा।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार नवंबर, 2024 में समग्र निर्यात (वस्तु एवं सेवा निर्यात) 67.79 अरब डालर और कुल आयात 87.63 अरब डालर रहा। पिछले साल नवंबर में वाणिज्यिक वस्तुओं और सेवाओं का समग्र निर्यात और आयात क्रमश: 61.85 और डालर और 68.74 अरब डॉलर था।

नवंबर में वाणिज्यिक व्यापार घाटा (वस्तुओं के आयात और निर्यात मूल्य का अंतर) उछल कर अब तक के सबसे उच्च मासिक स्तर 37.84 अरब डालर पर पहुंच गया, जो अक्टूबर में 27.1 अरब डालर था।

नवंबर में समग्र घाटा ( समग्र आयात-निर्यात का अंतर) सेवा निर्यात के अच्छे प्रदर्शन के चलते सीमित हो कर 19.84 अरब डालर के बराबर रहा। पिछले वर्ष नवंबर में वाणिज्यिक वस्तु व्यापार घाटा 21.31 अरब डालर और समग्र घाटा 6.89 अरब डालर के बराबर था।

वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने नवंबर के आंकड़ों पर कहा, “ भारत नवंबर महीने और अप्रैल से नवंबर, 2024 की अवधि में समग्र निर्यात क्षेत्र का प्रदर्शन मबूत मजबूत बना हुआ है और यह रुझान चालू वित्त वर्ष के अंत तक बना रहेगा। ”

श्री बर्थवाल ने कहा, “ हमारा अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में समग्र निर्यात 800 अरब डालर के स्तर से अच्छा खास ऊपर होगा। ”

उन्होंने कहा कि नवंबर में पेट्रोलियम निर्यात में मूल्य के हिसाब से गिरावट के कारण वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात के आंकड़े प्रभावित हो रहे हैं। पेट्रोलियम उत्पाद के निर्यात में गिरावट अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में गिरावट का परिणाम है।

उन्होंने कहा, “ यदि पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात को हटा दें तो गैर पेट्रोलियम वस्तुओं के निर्यात में वृद्धि बनी हुई है।

ताजा आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-नवंबर 2024 के दौरान 2.17 प्रतिशत की वृद्धि दर से संचयी वाणिज्यिक निर्यात 284.31 अरब डॉलर रहा, जो अप्रैल-नवंबर 2023 के दौरान यह 278.26 अरब डॉलर डॉलर था। ”

नवंबर 2024 में गैर-पेट्रोलियम निर्यात 28.40 अरब डॉलर रहा और इसमें नवंबर 2023 के 26.36 अरब डॉलर डॉलर की तुलना में 7.75 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी। अप्रैल-नवंबर 2024 में संचयी गैर-पेट्रोलियम निर्यात 239.70 अरब डॉलर रहा, जो अप्रैल-नवंबर 2023 में 223.24 अरब डॉलर की तुलना में 7.38 प्रतिशत अधिक है। अप्रैल-नवंबर 2024 का गैर-पेट्रोलियम वाणिज्यक वस्तु निर्यात अप्रैल-नवंबर 2022 के 233 अरब डॉलर के रिकॉर्ड को पार कर गया है।

गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न एवं आभूषण निर्यात में नवंबर 2023 में 23.55 अरब डॉलर था जो नवंबर 2024 में 26.33 अरब डॉलर के साथ 11.79 प्रतिशत ऊंचा रहा।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार वस्तु निर्यात की वृद्धि को प्रेरित कर रहे प्रमुख क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक सामान, इंजीनियरिंग सामान, चावल, समुद्री उत्पाद और सभी वस्त्रों का आरएमजी शामिल है।

आंकड़ों के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक सामान का निर्यात नवंबर 2023 के 2.24 अरब डालर की तुलना में 54.72 प्रतिशत बढ़कर नवंबर 2024 में 3.47 अरब डॉलर हो गया। इंजीनियरिंग सामान का निर्यात नवंबर 2023 में 7.82 अरब डॉलर से 13.75 प्रतिशत बढ़कर नवंबर 2024 में 8.90 अरब डॉलर हो गया।

इसी तरह, चावल का निर्यात नवंबर 2023 में 0.59 अरब डॉलर से 95.18 प्रतिश बढ़कर नवंबर 2024 में 1.14 अरब डॉलर , समुद्री उत्पादों का निर्यात एक साल पहले के 0.64 अरब डॉलर से 17.82 प्रतिशत बढ़कर नवंबर 2024 में 0.76 अरब डॉलर हो गया। इसी दौरान सभी कपड़ों के रेडीमेड परिधान ( आरएमजी)नवंबर 2023 के 1.02 अरब डॉलर से नवंबर 2024 में 1.12 अब डालर रहा जो 9.81 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

आलोच्य अवधि में रत्न आभूषण निर्यात में वार्षिक आधार पर गिरावट दर्ज की गयी।

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