चंडीगढ़, 07 जून (वार्ता) पंजाब में भूजल को बचाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शुक्रवार को किसानों को धान के सीजन के दौरान नहरी पानी के अधिक से अधिक प्रयोग करने का न्योता दिया।
श्री मान ने आज यहाँ जल स्रोत विभाग की मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये कहा कि राज्य सरकार धान के आगामी सीजन से नहरी पानी की सप्लाई देने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि 11 जून से किसानों को नहरी पानी निर्विघ्न सप्लाई किया जायेगा क्योंकि नहरों से गाद निकालने का काम मुकम्मल हो चुका है।
श्री मान ने बताया कि 11 जून से श्री मुक्तसर साहिब, फरीदकोट, मानसा, बठिंडा, फाजिल्का, फ़िरोज़पुर और अंतरराष्ट्रीय सरहद पर लगी कँटीली तार से पार के इलाकों में नहरी पानी की सप्लाई की जायेगी। इसी तरह 15 जून से मोगा, संगरूर, मलेरकोटला, पटियाला, फतेहगढ़ साहिब, साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर (एस. ए. एस. नगर), रूपनगर, लुधियाना, कपूरथला, जालंधर, होशियारपुर, शहीद भगत सिंह नगर, तरन तारन, अमृतसर, गुरदासपुर और पठानकोट के लिए नहरी पानी की सप्लाई दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य में बाढ़ से बचाव के लिए पंजाब सरकार ने ऐतिहासिक पहलकदमियां की हैं जिनमें चोअ/ बरसाती नाले/ दरियाओं को 100 सालों तक बाढ़ के पानी के बहाव अनुसार डिज़ाइन करना और इस अनुसार दरियाओं और सेम नालों/ चोओं के बाढ़ वाले इलाके को उत्तरी भारत नहर और ड्रेनेज एक्ट के अंतर्गत नोटीफायी करना शामिल है। इसके इलावा नदियों के मुख्य बाँधों को मज़बूत करना और आगामी बाँधों पर काम की पाबंदी लगाई गई। उन्होंने कहा कि एमरजैंसी रिस्पांस सिस्टम के लिए सम्बन्धित लोगों जैसे कि बैग सप्लायर, तार बाईंडर, मिट्टी खोदने वाली मशीन, ट्रैक्टर ट्राली मालिकों, गोताखोरों और स्थानीय वालंटियरों का डाटा संकलित किया गया है और सीमेंट की खाली बोरियों और भरे हुए बैगों को संकटकालीन प्रयोग के लिए सम्बन्धित स्थानों पर भंडारण करने की योजना बनाई जा रही है। भगवंत सिंह मान ने बताया कि नदियों के अंदर वाली ढलानों पर बाँस के पौधे लगाऐ जा रहे हैं और एन. एच. ए. आई., बी. एंड. आर और मंडी बोर्ड द्वारा बाढ़ के पानी के बहाव में आने वाली रुकावटों की पहचान करके उनको दूर किया जा रहा है।