इंदौर क्लाइमेट मिशन में शैक्षणिक नेतृत्व का योगदान
इंदौर: स्वच्छता में बेजोड़ नेतृत्व के लिए प्रसिद्ध इंदौर अब स्थिरता में नए मानक स्थापित कर रहा है. 1 दिसंबर को शुरू हुए 100-दिनों के अभियान के अंतर्गत महापौर पुष्यमित्र भार्गव और एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के संस्थापक प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी ने इसकी जानकारी दी. इस अवसर पर के छह प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.
कार्यक्रम में शैक्षणिक संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया, जिससे शहर की कुल बिजली खपत में 20 प्रतिशत की कमी और तीन से पांच लाख नागरिकों को ऊर्जा साक्षरता में सम्मिलित करने का लक्ष्य हासिल किया जा सके. यह पहल इंदौर नगर निगम और एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के बीच हस्ताक्षरित एमओयू का परिणाम है. इंदौर के छह प्रमुख संस्थानों से जुड़े 65,000 से अधिक परिवारों ने बिजली की खपत कम करने और ऊर्जा संरक्षण की प्रथाओं को अपनाने का संकल्प लिया. जागरूकता कार्यक्रम, ऊर्जा बचत पहल, और साप्ताहिक ऊर्जा संरक्षण अभ्यास के माध्यम से लक्ष्य को पूरा किया जाएगा.
सुरक्षित और स्थिर भविष्य बना रहे
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा इंदौर ने हमेशा नवाचार और स्थिरता में उदाहरण पेश किया है. इंदौर क्लाइमेट मिशन के माध्यम से, हम जलवायु परिवर्तन के अदृश्य खतरे का सामना कर एक सुरक्षित और स्थिर भविष्य बना रहे हैं.
सामूहिक प्रयास से बड़े परिवर्तन संभव
प्रो. चेतन सिंह सोलंकी ने कहा इंदौर क्लाइमेट मिशन यह दर्शाता है कि सामूहिक प्रयासों से बड़े परिवर्तन संभव हैं. शैक्षणिक संस्थानों की भागीदारी जिम्मेदारी और जागरूकता की एक ऐसी मिसाल बना रही है, जिसे दुनिया भर के शहर अपनाएंगे.