नयी दिल्ली 11 दिसंबर (वार्ता) केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नारी सशक्तिकरण पर बल देते हुए कहा है कि महिलाओं के प्रति समाज में सोच में बदलाव लाने की आवश्यकता है।
श्री चौहान ने बुधवार को हरियाणा के करनाल में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान में वैज्ञानिकों, गन्ना किसानों एवं लखपति दीदियों से संवाद कार्यक्रम में कहा कि कृषि और किसान आय में वृद्धि के बिना देश आगे नहीं बढ़ सकता। उन्होंने कहा कि कृषि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 18 प्रतिशत योगदान देती है और 50 प्रतिशत से ज़्यादा को रोजगार देती है।
उन्होंने कहा कि जब तक बेटियों को बोझ मानने की मानसिकता रहेगी तब तक दुनिया बेटियों को पैदा नहीं होने देगी इसलिए भेदभाव खत्म करना चाहिये ।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का संकल्प किसानों की आय दुगनी करने का है। उन्होंने कहा कि महिलाओं का आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षणिक सशक्तिकरण आवश्यक है। मध्य प्रदेश पहला राज्य था जिसने महिलाओं को स्थानीय निकाय के चुनावों में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया था। उसके बाद कन्या विवाह योजना जैसी कई योजनायें शुरू कीं।
उन्होंने कहा कि कृषि का विविधिकरण भी करना है। परंपरागत खेती ही नहीं बल्कि फलों, फूलों, औषधि की खेती, कृषि वानिकी, पशुपालन, मधुमक्खी पालन और मछलीपालन आदि कई प्रकार की खेती करनी होगी। आमदनी बढ़ाने के लिए कई तरह के प्रयास करने पड़ेंगे। कृषि और डेयरी दोनों जुड़े हुए हैं।
श्री चौहान ने कहा कि नई तकनीक का प्रयोग करते हुए अधिक दुग्ध उत्पाद पर ध्यान देना होगा।