ग्वालियर: अंचल के सबसे बड़े बाल अस्पताल के पीआईसीयू में आग भड़क गई. आग अचानक शार्ट सर्किट के कारण लगी. वहीं चिंगारी उठने से अस्पताल और आईसीयू में अफरा तफरी मच गई. पीआईसीयू में 16 बच्चे थे, लेकिन स्टाफ ने सूझबूझ से आग पर काबू पा लिया, जिससे बड़ा हादसा टल गया.ग्वालियर संभाग के सबसे बड़े कमलाराजा महिला व बाल चिकित्सालय में एक बड़ा हादसा टल गया. इसके पीआईसीयू में अचानक शार्ट सर्किट से आग लग गई. इससे चिंगारी उठने से अस्पताल और आईसीयू में अफरा तफरी मच गई. हालांकि इस पर तत्काल काबू पा लिया गया.
स्टाफ ने सूझबूझ से आग पर पाया काबू
बताया गया कि कमलाराजा के पीआईसीयू में अचानक चिंगारी उठी और फिर धुआं फैलने लगा. इससे एकदम हड़कम्प मच गया और अस्पताल में जहां यह आग भड़की थी. उसके नजदीक से ही ऑक्सीजन गैस की सप्लाई लाइन निकली थी. उधर एपीआइसीयू में भर्ती 16 बच्चों को सुरक्षित रखने की चुनौती भी थी.
वहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ ने रणनीति बनाकर काम किया. कुछ ने बच्चों को धुआं से बचाने के उपाय किए, जबकि दो टीम ने अस्पताल में लगे अग्निशमन उपकरणों के जरिये आग बुझाने का काम किया. इससे थोड़ी ही देर में आग पर नियंत्रण पा लिया.
पहले भी कमलाराजा अस्पताल में लग चुकी है आग
कमला राजा अस्पताल में आग लगने की यह पहली घटना नहीं है. बीते 23 सितम्बर को भी इसमे शॉर्ट सर्किट से लगी आग से धुआं भर गया था और भगदड़ की स्थिति बन गयी थी. इससे पहले 23 सितम्बर को जयरोग चिकित्सा परिसर में ही मौजूद ट्रॉमा सेंटर में शॉर्ट सर्किट से एसी का कम्प्रेशर फट जाने से धुआं भर गया था, जिससे बीमार हो कर कुछ दिनों में तीन लोगों की जाने भी चली गईं थी. हालांकि अस्पताल प्रबंधन मौत की वजह बीमारी बताता रहा.इन घटनाओं के बाद पीडब्ल्यूडी ने जयारोग्य चिकित्सा परिसर स्थित पुराने भवनों की इलेक्ट्रिक वायरिंग बदलने के लिए 2.75 करोड़ का एक एस्टीमेट बनाया था. इसे शासन को भेजा गया, लेकिन सौ दिन से ज्यादा बीत जाने के बाद भी इसकी स्वीकृति न मिलने से इसका काम ही शुरू नहीं हो सका