ढाका, (वार्ता) बंगलादेश की राजधानी ढाका में पुलिस ने भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी की यात्रा से एक दिन पहले रविवार को राजधानी के रामपुरा इलाके में बंगलादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के तीन संबद्ध संगठनों की ओर से भारतीय उच्चायोग तक निकाली जाने वाली रैली पर रोक लगा दी।
बाद में, तीनों संगठनों के प्रतिनिधियों ने भारतीय उच्चायोग को एक ज्ञापन सौंपा। श्री मिसरी विदेश कार्यालय परामर्श के लिए सोमवार को ढाका पहुंचेंगे। बीएनपी की यह रैली इस सप्ताह की शुरुआत में त्रिपुरा के अगरतला में बंगलादेश के सहायक उच्चायोग पर हुए हमलों और एक हिंदुत्व संगठन द्वारा राष्ट्रीय ध्वज को जलाने के विरोध में थी।
बीएनपी जुलूस का आयोजन पार्टी के तीन संगठनों – जुबो दल, स्वेच्छाचारी दल और छात्र दल द्वारा किया गया था, जिसमें वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ अन्य केंद्रीय नेताओं ने भी भाग लिया। रोके जाने से पहले, जुलूस शांतिनगर, मालीबाग, मौचक मोड़ और रामपुरा से होते हुए बारीधरा में भारतीय उच्चायोग पर समाप्त होने वाला था। सुबह से ही कार्यकर्ता नया पलटन में इकट्ठा होने लगे। सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारतीय उच्चायोग में सेना और पुलिस की बड़ी तैनाती की गई थी। साथ ही दंगा पुलिस भी पहरे पर थी। जुलूस से पहले, सुरक्षा व्यवस्था के बारे में बात करते हुए एक अधिकारी ने कहा, “बीएनपी से जुड़े लोगों के आज के कार्यक्रम के मद्देनजर भारतीय दूतावास की सुरक्षा में लगभग 100 अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है।”
उल्लेखनीय है कि बंगलादेश में सामाजिक-राजनीतिक माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। भारत और बंगलादेश के बीच द्विपक्षीय संबंध लगातार तनावपूर्ण होते जा रहे हैं। भारत सरकार ने लगातार बंगलादेश से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है। मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा की घटनाओं को कमतर आंक रही है, तथा अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने या हमलों के पीछे के अपराधियों को दंडित करने के लिए कुछ भी नहीं किया है।