पाकिस्तान हॉकी में स्वर्णिम संभावनाओं को लेकर उत्साहित हैं सुफियान

लाहौर, 7 दिसंबर (वार्ता) तेजी से उभरते ड्रैग-फ्लिकर सुफियान खान ने विश्वास जताया है कि 2025 में पाकिस्तान की हॉकी टीम किसी बड़े टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतेगी।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की बढ़ती संख्या के साथ, सुफियान का मानना ​​है कि वैश्विक हॉकी में सफल वापसी की नींव रखी जा चुकी है।
हाल ही में एफआईएच राइजिंग स्टार नामित किये गये सूफियान ने कहा, “ हालांकि खिलाड़ियों, महासंघ और सरकार द्वारा बहुत काम किया जाना बाकी है, लेकिन संकेत उत्साहजनक हैं कि पाकिस्तान अगले साल से स्वर्ण पदक हासिल करने की स्थिति में होगा।”
एशियन चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान मस्कट, ओमान में वर्ष के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किये गये सुफियान ने यहां नेशनल हॉकी स्टेडियम में डॉन को एक विशेष साक्षात्कार में बताया कि वह मस्कट में जूनियर एशिया कप में भी शीर्ष स्कोरर रहे, जहां पाकिस्तान फाइनल में भारत से 5-3 से हार गया। पाकिस्तान इस मैच में 3-1 से पिछड़ने के बाद बन्नू में जन्मे सुफियान केने पेनल्टी कॉर्नर के जरिए दो गोल की बदौलत 3-3 से बराबरी पर आ गया था मगर आखिरकार जीत भारत की हुयी।
सुफियान ने बताया, “ 3-3 से बराबरी के बाद उम्मीद थी कि पाकिस्तान बढ़त ले सकता है, लेकिन भारतीय बेहतर तरीके से तैयार थे। भारतीय टीम एक साल के प्रशिक्षण दौरे के बाद सीधे हॉलैंड से आई थी और अच्छी तरह से तैयार थी। इसके विपरीत, मस्कट जाने से पहले हमारे पास केवल पाँच दिनों का प्रशिक्षण था। जब मैच की रणनीति बनाने की बात आती है तो ये चीजें मायने रखती हैं।”
सुफियान जूनियर एशिया कप में 12 गोल के साथ टूर्नामेंट के शीर्ष स्कोरर रहे थे, जिसमें पेनल्टी कॉर्नर से 10 और पेनल्टी स्ट्रोक से दो गोल शामिल थे। उन्होंने कहा “ भारत के हॉकी महासंघ को सरकार से 900 करोड़ रुपये मिलते हैं, और उनके पास मजबूत प्रायोजन समर्थन भी है। अगर हमारे वाणिज्यिक क्षेत्र और सरकार भी विचार करे तो हम पाकिस्तान में हॉकी का पुराना गौरव फिर से हासिल कर सकते हैं।”
2021 में पाकिस्तान नौसेना में शामिल हुए 22 वर्षीय स्ट्राइकर ने पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन में सुधार पर जोर दिया। उन्होने कहा “ कुछ साल पहले, पाकिस्तान टीम को पर्याप्त अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं मिल रहे थे। अब, पाकिस्तान हॉकी फेडरेशन (पीएचएफ) के प्रयासों की बदौलत हम सेमीफाइनल और फाइनल खेल रहे हैं। यह दर्शाता है कि निरंतर कड़ी मेहनत और बेहतर वित्तीय सहायता के साथ हम देश की खोई हुई हॉकी महिमा को बहाल कर सकते हैं।”
सुफियान ने बन्नू में अपनी हॉकी यात्रा शुरू की और इसे आगे बढ़ाने के लिए 2018 में लाहौर चले गए। वह तनवीर डार हॉकी अकादमी में शामिल हो गए, जहां उन्होंने नौसेना में भर्ती होने से पहले तीन साल तक अपने कौशल को निखारा।
उन्होने कहा “ मैं इतने कम समय में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी सफलता के लिए भगवान का आभारी हूं। इसने मुझे प्रोत्साहित किया है और मैं अपने कोचों और वरिष्ठ खिलाड़ियों का आभारी हूं।”
अपने वित्तीय बकाए के बारे में सुफियान ने कहा “ मुझे पीएचएफ की वर्तमान संस्था से शुक्रवार को बकाया राशि मिल गई, लेकिन मुझे अभी भी खालिद सज्जाद खोखर के तहत पिछले प्रशासन से भुगतान का इंतजार है।”
टीम के उप-कप्तान के रूप में, सुफ़ियान ने जूनियर एशिया कप में शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें दो हैट्रिक शामिल थीं जिसमें एक मलेशिया और दूसरी बांग्लादेश के खिलाफ थी। चीन के खिलाफ पाकिस्तान के शुरुआती मुकाबले में उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया था। भारत के खिलाफ फाइनल में, सुफियान ने पाकिस्तान के दोनों पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदल दिया, जबकि भारत ने छह पेनल्टी कॉर्नर में से तीन गोल किए।

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