बेंगलुरु 02 दिसंबर (वार्ता) कर्नाटक के किसान संगठनों ने राज्य रायता संगठनागला वक्कूट (आरआरएसवी) के प्रदेश अध्यक्ष कुरुबुरू शांताकुमार के नेतृत्व में छह दिसंबर से फ्रीडम पार्क में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की घोषणा की है।
यह विरोध दिल्ली सीमा पर संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय नेता जगजीत सिंह दलाईवाला द्वारा की जा रही भूख हड़ताल से जुड़ा है।
श्री शांताकुमार ने सोमवार को कन्नड़ साहित्य भवन में किसान जागरूकता बैठक को संबोधित करते हुए खनौरी सीमा पर चल रहे विरोध प्रदर्शन पर प्रकाश डाला। विरोध प्रदर्शन सातवें दिन तक पहुंच गया है।
उन्होंने कहा कि किसान अपनी उपज के लिए उचित पारिश्रमिक सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। यह आह्वान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों पर आधारित है जिसमें प्रस्तावित किया गया था कि एमएसपी को उत्पादन की व्यापक लागत से 50 प्रतिशत अधिक निर्धारित किया जाना चाहिए।
एक और महत्वपूर्ण मांग 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के किसानों के लिए पेंशन योजना की शुरूआत है जिसका उद्देश्य उन लोगों के लिए सुरक्षा प्रदान करना है जिन्होंने अपना जीवन कृषि में बिताया है लेकिन अपने बुढ़ापे में वित्तीय सुरक्षा की कमी है।
प्रदर्शनकारी फसल बीमा फसल योजना में सुधार की भी मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि मौजूदा ढांचा अक्सर फसल नुकसान के समय पर्याप्त मुआवजा देने में विफल रहता है। उनका तर्क है कि योजना को अधिक प्रभावी और किसान-हितैषी बनाने के लिए संशोधन आवश्यक हैं ताकि बेहतर जोखिम कवरेज और समय पर भुगतान सुनिश्चित हो सके।
श्री शांताकुमार ने 22 नवंबर को उच्चतम न्यायालय द्वारा अनिवार्य समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद सरकारी दमन का आरोप लगाया। रिपोर्ट में किसानों की आत्महत्या के कारणों की जांच की गई जिसमें अपर्याप्त बाजारों और कम उत्पादन-लागत समर्थन को रेखांकित किया गया। उन्होंने किसान नेताओं के साथ तत्काल सरकारी बातचीत का आग्रह किया।
उन्होंने बजट में ऋण आवंटन बढ़ाने के बावजूद नाबार्ड के माध्यम से ब्याज मुक्त ऋण में कथित रूप से कटौती करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की भी आलोचना की।
29 नवंबर को गन्ना क्रय नियंत्रण बोर्ड की बैठक में चीनी मंत्री शिवानंद पाटिल ने गन्ना उत्पादन की बढ़ती लागत की भरपाई के लिए अतिरिक्त मूल्य निर्धारण के संबंध में मुख्यमंत्री के साथ चर्चा का आश्वासन दिया।