इंदौर:देश के सभी राज्य प्रमुख अधिकारियों को फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (एफआईयू) से जोड़ेंगे. इसकी वजह यह है कि किसी भी राज्य में मनी लांड्रिंग और टेरर फंडिंग के साथ आर्थिक अपराध प्रकरण में तुरंत जानकारी उपलब्ध कराना है.यह बात केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अवर सचिव विवेक अग्रवाल ने कही है. आपने मीडिया से चर्चा में जानकारी दी कि मनी लांड्रिंग, टेरर फंडिंग और क्रॉस बॉर्डर फंडिंग के लिए सरकार फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट की स्थापना की है.
अब देश की हर फाइनेंस कंपनी, जो आर्थिक लेनदेन करती है, उसको एफआईयू से लाइसेंस लेना अनिवार्य है. इसके दायरे में सभी राज्य और शहरों में फाइनेंस इंडस्ट्री, निजी फाइनेंस हाउस और एजेंसियां शामिल है. उन्होंने बताया कि मनी लांड्रिंग और टेरर फंडिंग में राज्यों की भूमिका अहम है. इसके तहत सभी राज्यों के मुख्य सचिव और डीजीपी को सरकार एफआईयू से जोड़ रही है. इससे राज्यों में होने वाले डिजिटल ट्रांजेक्शन फ्रॉड, साइबर फ्रॉड, डिजिटल अरेस्ट जैसी घटनाओं में स्थानीय पुलिस और एंटी क्राइम एजेंसियों को मदद मिलेगी. क्राइम नियंत्रण हो सकेगा. सरकार ने राज्यों को जोड़ने का कार्य शुरू कर दिया है.
भारत और चीन ने जारी की डिजिटल करंसी
इंदौर. भारत और चीन ने डिजिटल करंसी जारी कर दी है , लेकिन अन्य देशों ने अभी जारी नही की है. सेंट्रल बैंक ने डिजिटल करंसी एवं ई-रुपया जारी किया है, जो पायलेट पर चल रहा है. जापान ने नहीं किया है, लेकिन उन्होंने डिजिटल करंसी की जानकारी ली है. इसके अलावा वर्चुअल अरेस्ट और वर्चुअल सर्विस प्रोवाइडर और फिनटेक इंडस्ट्री की बढ़ती ग्रोथ पर ईएमएलसीएफटी कैसे लागू करें उक्त तीन मुद्दों को तीन सत्र में अलग अलग मुद्दों पर चर्चा की गई. इसमें विचार विमर्श किया गया कि आने वाली चुनौती से कैसे निपटा जाएं. साथ ही अनुभव साझा किए गए. इसमें सिर्फ ईएजी देश ही नहीं बल्कि सभी एजेंसियां ने भी अनुभव शेयर किए. यह जानकारी मीडिया को विवेक अग्रवाल ने दी