16 वें शहरी स्थानीय सरकारों को मजबूत करने के लिए महापौरों और अध्यक्षों का दिल्ली में राष्ट्रीय सम्मेलन में सम्मिलित हुए महापौर पुष्यमित्र भार्गव

*देश भर में नगरीय निकाय और अधिक और सशक्त बने इसको लेकर भी विचार किया जाना आवश्यक- महापौर*

 

*जीएसटी का एक हिस्सा शहरों को भी मिले – महापौर*

 

*सफाई के लिए भी शहरों को विशेष पैकेज मिलना चाहिए-महापौर*

 

नई दिल्ली । 16वें वित्त आयोग द्वारा ‘भारत में शहरी स्थानीय सरकारों को मजबूत बनाने’ को लेकर विषय पर महापौरों और अध्यक्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन में इंदौर के मेयर *पुष्यमित्र भार्गव* ने मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया । सम्मेलन में ‘राजकोषीय स्थिरता और दक्षता’ और ‘शासन, पारदर्शिता और जवाबदेही’ बिंदुओं पर चर्चा की गई ।

 

राज्य में पंचायतों और नगर पालिकाओं के संसाधनों की पूर्ति के लिए राज्यों की समेकित निधि को बढ़ाने से संबंधित 16वें एफसी टीओआर पर हितधारकों के परामर्श के हिस्से के रूप में, 16 एफसी शहरी स्थानीय सरकारों को मजबूत करने पर महापौरों और अध्यक्षों के लिए आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में नगर निगम की वित्तीय मजबूती के क्षेत्रों में सुझाव देते हुए महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि वर्तमान में जीएसटी कलेक्शन में शहरों का कोई हिस्सा नहीं होता है ,जबकि इसलिए शहरों को भी इस का शेयर मिलना चाहिए। स्वच्छता में नंबर वन इंदौर के महापौर ने कहा कि सफाई के लिए भी शहरों को विशेष पैकेज मिलना चाहिए । साथ ही देश भर में नगरीय निकाय और अधिक और सशक्त बने इसको लेकर भी विचार किया जाना आवश्यक है ।

 

*बैठक में इन विषयों पर भी हुई चर्चा*

 

– शहर की विकासात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वित्त आयोग और अन्य अनुदानों पर निर्भरता की सीमा क्या है?

– शहर ने एफसी अनुदान से किस तरह के खर्च/परियोजनाएं शुरू की हैं। स्वयं के स्रोत से राजस्व संग्रह ग्रामीण से शहरी क्षेत्र में परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए क्या पहल की गई है और शहरों की वित्तीय स्थिरता पर इसका क्या प्रभाव पड़ा है?

– पलायन और गांव की सीमाओं को शहर की सीमा में शामिल करने का क्या प्रभाव है ? इसके कारण वित्तीय प्रबंधन और सेवा वितरण से जुड़ी चुनौतियां क्या हैं।

– परियोजना के चयन, मंजूरी, स्वीकृति, क्रियान्वयन और निगरानी में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, आदि बिंदुओं पर चर्चा की गई

– शासन, पारदर्शिता और जवाबदेही विषय में राज्य सरकारों को निधियों, कार्यों और पदाधिकारियों के हस्तांतरण की स्थिति क्या है, तेजी से हो रहे शहरी विकास को देखते हुए शहरों की योजना को और अधिक कुशल कैसे बनाया जा सकता। शहरों की आपदा सहनशीलता को किस प्रकार बढ़ाया जा सकता है।

– शहरी आपदाओं, जैसे शहरी बाढ़ और शहरों का ऊष्मा द्वीप बन जाना आदि के संदर्भ में, क्या पार्षदों और महापौरों को बजट, अनुदान, परियोजनाओं, योजना एवं अनुदान दिशा-निर्देशों, निधि उपयोग की स्थिति आदि के बारे में जानकारी आसानी से उपलब्ध है, जिससे निर्णय लेने में मदत मिल सके ।

Next Post

खाद पाने किसानों की सुबह से लग रही भारी भीड़

Tue Nov 26 , 2024
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email ० पटेल पुल गोदाम में दिन भर किसानों की लगती है कतारें, टोकन बंटने के बाद भी खाद पाने बना भटकाव नवभारत न्यूज सीधी 26 नवम्बर। रबी सीजन में बोनी के लिये किसान खाद पाने के लिये […]

You May Like