नयी दिल्ली 24 नवंबर (वार्ता) कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के संभल में हुई घटना को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की साजिश का नतीजा बताया और कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासन में कोई ‘सेफ’ नहीं है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने रविवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि संभल की घटना से साफ हो गया है की ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का निंदनीय नारा देने वाले योगी आदित्यनाथ के राज में कोई नागरिक ‘सेफ’ नहीं है। संभल में जिस तरह से प्रदर्शनकारियों पर सीधे फायरिंग के वीडियो सामने आये हैं वे सब मुख्यमंत्री और भाजपा- आरएसएस की सोची समझी साज़िश का दुष्परिणाम है। जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश सद्भाव और सौहार्द का प्रतीक रहा है वहाँ षड्यंत्र के तहत तीन लोगों की जान ली गई और कई लोग घायल हुए हैं।
उन्होंने कहा,“हम पूरी ज़िम्मेदारी से कहते हैं कि मृतकों की जान आदित्यनाथ प्रशासन ने ही ली हैं और संभल में भाईचारे को आग लगाने के लिए केवल भाजपा- आरएसएस क़सूरवार है। अल्पसंख्यक समाज को दूसरे दर्जे के नागरिकों की तरह देखने वाली मोदी-योगी की सरकार ने आनन-फानन में कोर्ट ने याचिका दाखिल कराई। ये सार्वजनिक है कि प्रशासन की पूरी तैयारी थी कि किसी तरह संभल के जरिए प्रदेश का माहौल ख़राब किया जा सके। इससे पहले बहराइच में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान शहर को दंगाई तत्वों के हवाले कर दिया गया था। इस पूरे मामले में भाजपा न तो सर्वे करवाना चाहती थी न ही रोकना, उसका उद्देश्य केवल भाईचारा ख़त्म करना था। सर्वे टीम के साथ जाने वाले उपद्रवी तत्वों पर कोई कार्रवाई नहीं करना स्पष्ट करता है कि प्रदेश में उपचुनावों के बाद योगी सरकार ने हिंसा और घृणा की राजनीति को और तेज़ कर दिया है। पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि इस हिंसा में कई निर्दोष लोगों की जान गई है और कई लोग घायल हुए हैं। भाई-भाई में द्वेष फैलाना और सांप्रदायिक आग लगाना भाजपा-आरएसएस का डीएनए है और उनके रग-रग में बसा है।”
प्रवक्ता ने कहा,“एक ओर ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का ख़ोखला नारा -दूसरी ओर एक समुदाय को दूसरे समुदाय के बीच धर्म को ढ़ाल बनाकर दीवार खड़ा करना और लोगों की जान लेना कौन सी एकता का सन्देश है। एक ओर ‘सबका साथ- सबका विश्वास’ का एक दशक से चला आ रहा झूठ, दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में लगातार धार्मिक आधार पर समाज को निशाना बनाया जाना, केवल तुच्छ और ओछी राजनीति है। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार द्वारा राजनीतिक स्वार्थ के लिए भाईचारा और सौहार्द को खत्म किया जाना अत्यंत निंदनीय और घोर आपत्तिजनक है। हम भाजपा से अपील करते हैं कि देशहित को प्राथमिकता दें, न कि अपने राजनीतिक स्वार्थों को।”
उन्होंने कहा,“प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से हम पूछना चाहते हैं कि क्या वे अपने ही आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जी के जून 2022 के बयान का अनुपालना करेंगे जिसमें उन्होंने कहा था कि इतिहास वो है जिसे हम बदल नहीं सकते। इसे न आज के हिंदुओं ने बनाया और न ही आज के मुसलमानों ने, ये उस समय घटा…. हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों देखना।…. अब हमको कोई आंदोलन करना नहीं है। इसका जवाब न तो श्री मोदी के पास है और ना मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और ना ही मोहन भागवत जी के पास है।”
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा,“हमारे नेता राहुल गाँधी ने लगातार ‘नफ़रत के बाजार में मोहब्बत की दुकान’ की बात की है। ऐसे में संभलवासियों से अपील है कि वे नफ़रत की राजनीति को पहचानें, आपसी एकता और सौहार्द बनाए रखें और कानूनी तरीके से अपने अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाएं।”