नयी दिल्ली, 23 नवंबर (वार्ता) कांग्रेस ने शनिवार को महाराष्ट्र तथा झारखंड विधानसभा चुनाव परिणामों को खुद के लिए ‘कहीं खुशी कहीं गम’ करार देते हुए कहा कि चुनाव नतीजे से उसके एजेंडे में कोई बदलाव नहीं होगा और पार्टी जिन मुद्दों के लिए लड़ती रही है उनके लिए लड़ाई जारी रखेगी।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश तथा संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने आज यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चुनाव के नतीजे जो भी रहें लेकिन पार्टी के एजेंडे में परिवर्तन नहीं होगा और बुनियादी मुद्दों की लड़ाई लड़ती रहेगी।
उन्होंने कहा,”हमारे लिए कहीं खुशी है, कहीं गम है लेकिन कांग्रेस पार्टी के एजेंडा में कोई परिवर्तन नहीं आने वाला है। सामाजिक, आर्थिक, मोडानी, जातिगत जनगणना, संविधान की सुरक्षा जैसे सभी मुद्दे हम उठाते रहेंगे। हमारा हौसला कमजोर नहीं हुआ है। हम लड़ते रहेंगे, जनता के मुद्दे उठाते रहेंगे।”
श्री खेड़ा ने कहा, “हम जीतें या हारें, हम इस चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाते रहेंगे। जहां बच्चों के पेपर लीक हो जाते हैं, वहां आंख बंद करके मशीनों और चुनावी प्रक्रिया पर भरोसा नहीं किया जा सकता। हम बार-बार ईवीएम और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता की बात करते हैं। हमने चुनाव आयोग को सूची दी कि कहां-कहां रेड और ग्रीन मार्किंग हो रही है।”
उन्होंने कहा, “ईवीएम की 99 प्रतिशत बैटरी के बारे में सवाल किया। हरियाणा में वोटिंग के बाद वोटिंग प्रतिशत बढ़ने पर सवाल किया। नागपुर में भाजपा नेता की गाड़ी में ईवीएम मशीनें मिलीं। लेकिन कोई जवाब नहीं आया, चुप रहना कोई उत्तर होता है क्या।”
महाराष्ट्र के चुनाव परिणामों पर उन्होंने कहा,”महाराष्ट्र में वही पैटर्न दोहराया गया है, जो हमें पिछले कुछ साल में देखने को मिला है। नरेन्द्र मोदी के नाम पर लड़े गए लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र ने भाजपा को नकार दिया था, क्योंकि जनता मोदी जी को प्रधानमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहती थी। उसी महाराष्ट्र ने चार महीने बाद भाजपा को 148 में से 132 सीटें दे दीं। ये कैसी स्ट्राइक रेट है। जहां भाजपा को भारी लाभ लेना होता है, वो सारे दांव-पेंच वहां लगा देती है और बाकी जगह लेवल प्लेयिंग फील्ड चलने देती है और जहां लेवल प्लेयिंग फील्ड होती है, वहां के नतीजे आपके सामने हैं।”
श्री रमेश ने कहा,”लोकसभा चुनाव में हमारे जो मुद्दे थे, वो आज भी अहमियत रखते हैं। हमारे नेताओं ने इन मुद्दों को जोर-शोर से उठाया था। जातिगत जनगणना, आर्थिक समानता, सामाजिक ध्रुवीकरण, संविधान की सुरक्षा, 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा, मोडानी घोटाला, इन मुद्दों को महाराष्ट्र की जनता ने ठुकराया नहीं है। इस नतीजे पर हम जांच करेंगे, इसका विश्लेषण होगा- जो कि स्वाभाविक है। महाराष्ट्र में जिसकी जीत हुई है, उन्हें अनुमान नहीं था कि ऐसा नतीजा आएगा। हम यह मानकर चल रहे थे कि हमें जनादेश मिलेगा। महाराष्ट्र में जनता सरकार के खिलाफ थी और उनके खिलाफ एक माहौल था। नतीजे भले ही विपरीत हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हम पीछे हटेंगे। हम, हमारी पार्टी और कार्यकर्ता महाराष्ट्र में काम करते रहेंगे।”
उन्होंने झारखंड में इंडिया गठबंधन को जिताने के लिए वहां की जनता को बधाई दी और कहा,”सबसे पहले मैं झारखंड की जनता को बधाई देता हूं, क्योंकि उन्होंने हमारे देश को एक नया रास्ता दिखाया है। उन्होंने ध्रुवीकरण की राजनीति को निर्णायक तरीके से ठुकराया है। झारखंड में सारा चुनाव सिर्फ घुसपैठ के मुद्दे पर लड़ा गया। झारखंड के परिणामों से सकारात्मक संदेश मिलता है कि ध्रुवीकरण की राजनीति को हराया जा सकता है और हम हराकर ही रहेंगे।महाराष्ट्र में जानबूझकर लेवल प्लेइंग फील्ड को बिगाड़ा गया है। वहां जो नतीजे आए हैं, वह हमारे लिए अप्रत्याशित हैं।”