जबलपुर: जिले में उपार्जन के पहले से ही गड़बड़ी और धांधली सामने आती रहती है, जिसके लिए समय-समय पर उच्च स्तरीय टीम गठित कर गोदाम वेयरहाउस आदि की जांच की गई थी। परंतु उस पुरानी जांचों का प्रतिवेदन प्रस्तुत होने पर कोई भी कार्यवाही नहीं हुई। इसके अलावा हाल ही में कलेक्टर द्वारा गठित की गई पांच सदस्य टीम द्वारा राइस मिलर्स और गोदाम की जांच में भी हीला- हवाली हो रही है। जिसमें पहले दिन तो अधिकारियों और जांच टीम ने एक राइस मिल में जाकर जांच करते हुए रिकॉर्ड आदि लिए थे। परंतु विगत दो दिनों से अधिकारियों द्वारा ही ढील दी जा रही है। जिसके परिणाम स्वरुप रविवार और सोमवार को भी राइस मिलर्स और गोदाम की जांच नहीं हुई है।
एक ही मिल में जांच करके बैठ गई टीम
कलेक्टर दीपक सक्सेना द्वारा गठित की गई जांच टीम ने आदेश के दूसरे दिन ही शहपुरा के रघुवीर श्री राइस मिल में पहुंचकर जांच की थी। जिसमें से राइस मिल में रखी हुई धान और मिलिंग की गई धान का रिकॉर्ड की जानकारी मांगी थी। जिसके बाद आगे की कार्यवाही होनी थी। परंतु एक ही मिल में जांच करने के बाद अधिकारी अभी तक जांच करने के लिए किसी भी गोदाम या राइस मिल में नहीं पहुंचे।
भोपाल और देवास टीम ने की थी जांच
जिले के वेयरहाउसों में मूंग उपार्जन के उपरांत एवं बगैर उपार्जन के भंडारित मूंग का सत्यापन एवं गुणवत्ता की बारीकी से जांच करने के लिए भोपाल और कटनी की टीम जिले में 27 जुलाई को जांच की थी। इसका भोपाल में प्रतिवेदन प्रस्तुत होने के बाद भी अभी तक कोई भी कार्यवाही सामने नहीं आई है। इसके अलावा 2 सितंबर से 4 सितंबर तक भोपाल द्वारा गठित देवास की चार सदस्यीय टीम ने जिले वेयरहाउस में पहुंचकर जांच की थी, जिसका प्रतिवेदन भी टीम द्वारा भोपाल में प्रस्तुत होना था। परंतु प्रतिवेदन प्रस्तुत होने के बावजूद भी इसकी रिपोर्ट अभी तक अटकी हुई है।
इन अधिकारियों के जिम्मे है जांच की कमान
राइस मिलिंग में जांच करने के लिए कलेक्टर द्वारा पांच सदस्यों की टीम बनाई है। जिसमें खाद्य विभाग के साथ विपणन,नान और वेयरहाउस के अधिकारी शामिल है। जिसमें जिला आपूर्ति नियंत्रक कुलदीप पाराशर, सहायक जिला आपूर्ति नियंत्रक संजय खरे, नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक दिलीप किरार, विपणन संघ के जिला प्रबंधक हीरेंद्र रघुवंशी और मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग कारपोरेशन के जिला प्रबंधक सखाराम निमोदा शामिल हैं।
इनका कहना है
रविवार को छुट्टी के दिन होने से जांच नहीं हुई थी, वहीं सोमवार को भी कृषि अधिकारियों की बैठक थी। इसके लिए जांच टीम जांच करने के लिए नहीं गई।
संजय खरे,
सहायक जिला आपूर्ति नियंत्रक