मप्र परिवहन की बसों में ओवरलोडिंग, यात्रियों से मनमाना किराया 

यात्रियों का बस चालक-परिचालकों के साथ अक्सर होता विवाद

झाबुआ। मप्र परिवहन की प्रतिदिन इंदौर से अहमदाबाद एवं अहमदाबाद से इंदौर चलने वाली 2 से 3 बसों में ओवरलोडिंग, यात्रियों से मनमाना किराया लेने और लगेज तक का भी पैसा लेने की शिकायते यात्रियों द्वारा प्राप्त हो रहीं है। मनमाना किराया और लगेज का पैसा नहीं देने पर बस चालक-परिचालक सवारी के साथ दादागिरी और दुर्व्यवहार भी कर रहे है। इंदौर से अहमदाबाद एवं अहमदाबाद से इंदौर लाईन पर 2 से 3 बसें संचालित होती है। इन बसों में लंबा सफर करने वाले यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिसका कारण बस का समय पर मेंटेनेंस नहीं होने के साथ सवारी भरने के चक्कर में चालक द्वारा जगह-जगह वाहन को रोकना और क्षमता से अधिक सवारी भरने से दुविधा होती है। बावजूद किराया गुजरात की बसों से अधिक लिया जाता है। किराया अधिक लेने पर विरोध करने पर परिचालक द्वारा बस से रास्ते में ही उतार देने की धमकी देने और यात्रियों के साथ समान (लगेज) का भी एक्स्ट्रा चार्ज जोड़ा जाता है। बस के अंदर ठसाठस सवारी के साथ डिक्की और करियर पर भी अत्यधिक सामान रखकर वाहन में ढ़ोया जाता है, जिससे दुर्घटना का भी खतरा बना रहता है। इन बसों के चालक-परिचालक मालिक को अधिक आमदनी अर्जित करवाने और अधिक मुनाफे कमाने के चलते छोटे-छोटे स्टेशनों पर अपनी मनमर्जी मुताबिक वाहन खड़ा करने के साथ विशेषकर ग्रामीण यात्रियों से बदसलूकी और मनमुताबिक किराया लेने के बाद भी सुविधा नहीं दी जाती है। कई यात्रियों को टिकट नहीं दिया जाता है। यह बसे गंतव्य स्थल पर भी लेट पहुंचने से यात्री विरोध दर्ज करवाते नजर आते है।

निजी बसों में नियमों का नहीं हो रहा पालन

जिले में संचालित होने वाली कई अन्य निजी बसों की भी यहीं स्थिति है, जिसमें जिला परिवहन विभाग के नियमों का पालन नहीं होने के साथ बस ऑपरेटरों द्वारा वाहनों का समय पर फिटनेस, रखरखाव आदि नहीं होने के अतिरिक्त वाहनों में अत्यधिक सवारी भरने, यात्रियों से मनमाना किराया लेने, दिव्यांगों और महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों का उन्हें लाभ नहीं दिए जाने से विवाद होते है। बसों में किराए को लेकर यात्रियों के साथ बस चालक-क्लीनर द्वारा बहस और विवाद आम हो चला है। बसों में किराए एवं नियमों की सूची चस्पा होने के बाद भी स्वयं आपरेटर और चालक-परिचालक इनका पालन नहीं करते है। सवारी भरने के चक्कर में कई बार बसों के चालक परिचालकों में ही आपस में विवाद हो जाता है। जिला परिवहन अधिकारी को इस और ध्यान देकर कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है।

जिम्मेदार बोले

मुझे मामले से अवगत करवाया है, कार्रवाई की जाएगी।

– कृतिका मोहाटी, आरटीओ झाबुआ

21 झाबुआ-4- मप्र परिवहन बस

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